Samay Raina comments on Handicap People : एक बार फिर Controversy का शिकार हुए Samay Raina, दिव्यांग लोगो पर कैसा तंज, NGO ने सुप्रीम कोर्ट में दर्ज की याचिका

 
Samay Raina recent Controversy

आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे मामले की, जो सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर छाया हुआ है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना की। समय रैना, जिनके शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' ने लाखों लोगों को हंसाया, आज खुद विवादों के घेरे में हैं। उनके दिव्यांग लोगों पर किए गए कमेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। तो, आखिर क्या है पूरा मामला? चलिए, शुरू से समझते हैं। 

समय रैना, एक ऐसा नाम जो यूट्यूब और स्टैंड-अप कॉमेडी की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं। उनके शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' को लाखों लोग देखते थे। इस शो में समय अलग-अलग कंटेस्टेंट्स के साथ मजेदार बातचीत करते, जोक्स क्रैक करते, और कई बार डार्क ह्यूमर का इस्तेमाल करते। लेकिन यही डार्क ह्यूमर अब उनके लिए मुसीबत बन गया है।  इस शो में समय ने कई बार ऐसे जोक्स बनाए, जो sensitive topics पर थे। पहले उनके शो में माता-पिता और महिलाओं पर आपत्तिजनक कमेंट्स को लेकर विवाद हुआ। इस मामले में असम और महाराष्ट्र में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुईं, और समय को यूट्यूब से अपने शो के कई एपिसोड्स हटाने पड़े। लेकिन अब मामला और गंभीर हो गया है, क्योंकि उनके कुछ पुराने वीडियोज में दिव्यांग लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों पर कमेंट्स सामने आए हैं।

तो, आखिर वो कमेंट्स क्या थे, जिन्होंने इतना बवाल मचाया ? समय रैना के शो में एक एपिसोड में उन्होंने स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (SMA) जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित एक नवजात बच्चे और दृष्टिहीन लोगों पर जोक्स बनाए। एक खास क्लिप में समय ने एक महिला से मजाक में कहा, "अगर आपके पास 16 करोड़ रुपये होते और आपका बच्चा SMA से पीड़ित होता, तो क्या आप इंजेक्शन लगवाने के बाद बच्चे के बचने की गारंटी न होने पर भी पैसे खर्च करतीं? और अगर बच्चा बड़ा होकर कवि बनना चाहे तो?" इस तरह के कमेंट्स को न केवल असंवेदनशील माना गया, बल्कि इससे कई लोगों की भावनाएं आहत हुईं।  

Cure SMA Foundation of India नामक NGO ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि समय रैना के कमेंट्स न सिर्फ दिव्यांग लोगों का अपमान करते हैं, बल्कि समाज में उनके प्रति गलत धारणाएं भी बनाते हैं। इस याचिका में समय के अलावा उनके शो में शामिल रणवीर इलाहाबादिया का नाम भी लिया गया, जिन्होंने  कुछ विवादित टिप्पणियां की थीं।  

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया। 21 अप्रैल 2025 को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने सुनवाई के दौरान समय रैना के कमेंट्स को "परेशान करने वाला" और "असंवेदनशील" बताया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "हम इन आरोपों से वाकई परेशान हैं। ये बहुत गंभीर मुद्दा है। हम चाहते हैं कि इन सभी क्लिप्स को रिकॉर्ड में लाया जाए और संबंधित लोगों को पक्षकार बनाया जाए। कोर्ट ने समय रैना और रणवीर इलाहाबादिया को इस मामले में पक्षकार बनाने के आदेश दिए और याचिकाकर्ता से कहा कि वो  एक रिट याचिका दायर करें। कोर्ट ने ये भी सुझाव दिया कि ऑनलाइन कंटेंट के लिए एक नियामक ढांचा बनाया जाए, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जवाबदेही के बीच balance  बनाए। साथ ही, कोर्ट ने समय के पुराने वीडियोज की क्लिप्स को रिकॉर्ड पर लेने का आदेश दिया।  

इस मामले में समय रैना ने अभी तक कोई official statement नहीं दिया है। हालांकि, इससे पहले माता-पिता पर कमेंट्स के विवाद में उन्होंने माफी मांगी थी और कहा था कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। लेकिन उनकी चुप्पी और बार-बार विवादों में फंसने की वजह से उनके फैंस और आलोचक दोनों हैरान हैं।  पिछले कुछ महीनों में समय का शो कई बार विवादों में रहा। उर्फी जावेद ने भी उनके शो में कंटेस्टेंट्स द्वारा अपमानित किए जाने की बात कही थी, जिसके बाद उन्होंने शो बीच में छोड़ दिया था। इन सभी घटनाओं ने समय की image को खराब किया  है।  

इस मामले ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएशन की सीमाओं पर बहस छेड़ दी है। कई लोग मानते हैं कि कॉमेडी के नाम पर sensitive topics पर मजाक करना गलत है, जबकि कुछ का कहना है कि ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख दिखाता है समय रैना और उनके शो के भविष्य पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या उनका शो दोबारा शुरू होगा ? क्या वो इस विवाद से उबर पाएंगे ? और सबसे बड़ा सवाल, क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त नियम लागू होंगे ?

समय रैना का ये  मामला हमें सोचने पर मजबूर करता है कि कॉमेडी और संवेदनशीलता के बीच की रेखा कहां खींची जानी चाहिए। आप इस बारे में क्या सोचते हैं ? क्या समय रैना के कमेंट्स को माफ किया जाना चाहिए, या सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख सही है ? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें। 

Tags