Smriti Mandhana को Salman Khan से तुलना कर किया गया Body Shaming, फैंस ने ट्रोल्स को दिया करारा जवाब
Smriti Mandhana को Salman Khan से तुलना कर किया गया Body Shaming, फैंस ने ट्रोल्स को दिया करारा जवाब
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार खिलाड़ी स्मृति मंधाना एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह उनका शानदार कवर ड्राइव नहीं बल्कि एक दुर्भाग्यपूर्ण तुलना है। हाल ही में स्मृति मंधाना की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद कुछ ट्रोल्स ने उनकी तुलना अभिनेता सलमान खान की एक पुरानी वायरल तस्वीर से कर दी। इस तुलना के बाद स्मृति को बॉडी शेमिंग का सामना करना पड़ा, जिसे लेकर फैंस में भारी नाराज़गी देखने को मिली।
दरअसल, स्मृति मंधाना हाल ही में मैदान पर वापसी कर चुकी हैं और उनका फॉर्म थोड़ा उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर को लेकर कुछ यूज़र्स ने मज़ाक और तंज कसना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने तस्वीर की तुलना सलमान खान की एक पुरानी फोटो से करते हुए अभद्र टिप्पणियां कीं, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
हालांकि, जहां ट्रोल्स ने सीमा पार की, वहीं स्मृति मंधाना के फैंस उनके समर्थन में मजबूती से खड़े नजर आए। सोशल मीडिया के कमेंट सेक्शन में फैंस ने ट्रोल्स को जमकर जवाब दिया और स्मृति की उपलब्धियों, प्रतिभा और मेहनत को याद दिलाया। कई यूज़र्स ने लिखा कि स्मृति सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि देश का गौरव हैं और उनकी तुलना किसी भी तरह से अपमानजनक है।
एक फैन ने लिखा, “उनकी उपलब्धियां देखिए, न कि किसी तस्वीर को आधार बनाकर टिप्पणी कीजिए।” वहीं दूसरे यूज़र ने कहा, “जब कोई आगे बढ़ता है, तो जलन होना आम बात है।” कई फैंस ने यह भी कहा कि स्मृति मंधाना जैसी खिलाड़ियों ने भारतीय महिला क्रिकेट को नई पहचान दिलाई है और उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
इस पूरे मामले में एक संवेदनशील पहलू भी सामने आया। बताया जा रहा है कि स्मृति मंधाना हाल के समय में निजी जीवन के एक कठिन दौर से गुजर रही हैं। ऐसे समय में किसी खिलाड़ी को बॉडी शेमिंग का निशाना बनाना न सिर्फ गलत बल्कि बेहद असंवेदनशील भी है।
फैंस का साफ संदेश रहा—खिलाड़ियों को उनके खेल और प्रदर्शन से आंका जाए, न कि किसी तस्वीर या तुलना के आधार पर। सोशल मीडिया पर यह भी कहा गया कि बॉडी शेमिंग जैसी मानसिकता को बढ़ावा देना समाज के लिए नुकसानदेह है, खासकर तब जब बात देश का प्रतिनिधित्व करने वाली खिलाड़ियों की हो।
गौरतलब है कि स्मृति मंधाना को अपनी काबिलियत साबित करने के लिए किसी सोशल मीडिया वैलिडेशन की जरूरत नहीं है। उनका बल्ला ही उनकी पहचान है और मैदान पर उनके प्रदर्शन ने बार-बार आलोचकों को जवाब दिया है।
कुल मिलाकर, यह पूरा मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग भले ही तेज़ हो, लेकिन सच्ची प्रतिभा और समर्थन उससे कहीं ज्यादा मजबूत होता है। फैंस ने एक सुर में कहा—
“Smriti Mandhana को compare नहीं, celebrate कीजिए, क्योंकि शरीर अस्थायी है, लेकिन क्लास हमेशा स्थायी रहती है।”
