Urfi Javed Got Trolled After Visiting Temple : उर्फी को घुटने टेक कर मंदिर जाना पड़ गया भरी
Urfi Javed Latest Controversy

उर्फी जावेद किसी न किसी वजह से चर्चा में रहती है ,या यु कह लीजिये की उनको लाइमलाइट में रहने बहोत पसंद है हाल ही में उर्फी ने मुंबई के मशहूर बाबुलनाथ मंदिर में घुटनों के बल सीढ़ियां चढ़कर शिव जी के दर्शन किए। लेकिन इस बार उनके इस कदम ने न सिर्फ लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि ट्रोलर्स का गुस्सा भी भड़का दिया। कुछ यूजर्स ने कहा, "ये सब पब्लिसिटी के लिए है!" तो कुछ ने उनके विश्वास की तारीफ भी की। तो आखिर क्या है पूरा माजरा? चलिए, इस वीडियो में हम आपको बताते हैं पूरी कहानी, स्टेप बाय स्टेप!
5 मई 2025 को उर्फी जावेद ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वो मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर की सीढ़ियां घुटनों के बल चढ़ती नजर आईं। वीडियो में उर्फी सादे कपड़ों में थीं, सिर पर दुपट्टा ओढ़े हुए, और पूरी श्रद्धा के साथ मंदिर की ओर बढ़ रही थीं। इस वीडियो को देखकर कुछ फैंस ने उनकी आस्था की तारीफ की, लेकिन कुछ यूजर्स ने सवाल उठाए कि क्या ये सब पब्लिसिटी के लिए किया गया?बाबुलनाथ मंदिर मुंबई के सबसे पुराने और प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है। हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। उर्फी का इस तरह घुटनों के बल सीढ़ियां चढ़ना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी वो राजस्थान के कम्बेश्वर महादेव मंदिर की 400 सीढ़ियां चढ़कर पूजा कर चुकी हैं। लेकिन इस बार उनका ये अंदाज लोगों को कुछ ज्यादा ही ड्रामाटिक लगा।
उर्फी ने पहले भी कई बार अपनी आध्यात्मिक यात्राओं को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। 20 जनवरी 2025 को उनका एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो शिव मंदिर पहुंची थीं। लेकिन हर बार की तरह, इस बार भी उनके इस कदम ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी।उर्फी का वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई। कुछ यूजर्स ने लिखा, उर्फी तुमने मेरा दिल जीत लिया , तो कुछ ने ये भी लिखा, सनातन ही सत्य है लेकिन दूसरी तरफ, ट्रोलर्स ने उन्हें जमकर निशाना बनाया।दरअसल, उर्फी का नाम विवादों से पुराना नाता है। वो अपने बोल्ड फैशन और बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं। कुछ महीने पहले, जब उन्होंने अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर अपने घर पर हवन किया था, तब भी यूजर्स ने उन्हें ट्रोल किया था। लेकिन उर्फी ने हमेशा की तरह इन ट्रोल्स को इग्नोर करते हुए अपने तरीके से जवाब दिया।उर्फी ने एक बार कहा था, "मेरे भाई-बहन इस्लाम को मानते हैं, लेकिन उन्होंने मुझ पर कभी जबरदस्ती नहीं की। मैं हर धर्म का सम्मान करती हूं।" ये बयान भी उस वक्त काफी वायरल हुआ था।
अब सवाल ये उठता है - क्या उर्फी का मंदिर जाना वाकई आस्था से प्रेरित था, या ये एक सोचा-समझा पब्लिसिटी स्टंट था? उर्फी जावेद एक ऐसी सेलेब्रिटी हैं, जो हमेशा सुर्खियों में रहना जानती हैं। चाहे वो उनके अतरंगी आउटफिट्स हों, या फिर उनके बयान। लेकिन अगर हम उनके पिछले रिकॉर्ड को देखें, तो वो कई बार अपनी आध्यात्मिक यात्राओं को शेयर कर चुकी हैं।2022 में उर्फी ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो गीता का पाठ करती हैं, ताकि समाज को बेहतर समझ सकें। इसके अलावा, वो मुस्लिम कट्टरपंथियों पर भी खुलकर अपनी राय रख चुकी हैं। ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि उनका मंदिर जाना सिर्फ पब्लिसिटी के लिए था।लेकिन एक बात तो साफ है - उर्फी जानती हैं कि सोशल मीडिया पर वायरल होने का फॉर्मूला क्या है। उनका हर कदम, चाहे वो फैशन हो या आस्था, लोगों का ध्यान खींचता है। शायद यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
उर्फी का ये वीडियो एक बार फिर ये सवाल उठाता है कि क्या सेलेब्रिटीज को अपनी निजी जिंदगी शेयर करने की इतनी आजादी होनी चाहिए? और क्या ट्रोलिंग अब हमारे समाज का हिस्सा बन चुकी है? हर बार जब उर्फी कुछ नया करती हैं, ट्रोलर्स उनके पीछे पड़ जाते हैं। लेकिन क्या ये ट्रोलिंग जायज है?
कई बार ट्रोलिंग इतनी बढ़ जाती है कि सेलेब्रिटीज को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। उर्फी ने पहले भी कई बार ट्रोल्स को जवाब दिया है, लेकिन वो कभी पीछे नहीं हटतीं। शायद यही उनकी पर्सनैलिटी को इतना यूनिक बनाता है।तो ये थी उर्फी जावेद के मंदिर दौरे की पूरी कहानी। अब आप हमें कमेंट में बताइए - क्या आपको लगता है कि उर्फी का ये कदम आस्था से प्रेरित था, या सिर्फ पब्लिसिटी के लिए? और क्या ट्रोलर्स को इतनी आजादी मिलनी चाहिए?