देवोलीना भट्टाचार्जी बनाम ध्रुव राठी: ‘धुरंधर’ ट्वीट पर क्यों मचा सोशल मीडिया तूफान?

 
Why Devoleena Bhattacharjee Slammed YouTuber Dhruv Rathee: The “Dhurandhar” Tweet That Broke the Internet

देवोलीना भट्टाचार्जी बनाम ध्रुव राठी: ‘धुरंधर’ ट्वीट पर क्यों मचा सोशल मीडिया तूफान?

बांग्लादेश से सामने आई एक बेहद परेशान करने वाली घटना ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त हलचल मचा दी है। हर तरफ गुस्सा, नाराज़गी और प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई। आम लोगों से लेकर सेलेब्रिटीज़ तक, सभी अपने-अपने अंदाज़ में इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी बीच टीवी अभिनेत्री देवोलीना भट्टाचार्जी ने भी इस गंभीर मुद्दे पर अपनी आवाज़ बुलंद की और उनका बयान देखते ही देखते वायरल हो गया।

देवोलीना, जिन्हें टीवी पर अक्सर शांत और संस्कारी किरदारों में देखा गया है, सोशल मीडिया पर बिल्कुल अलग और बेबाक अंदाज़ में नजर आती हैं। बांग्लादेश की घटना को लेकर उन्होंने एक सख्त ट्वीट किया और सवाल उठाया कि जब हालात इतने गंभीर हैं, तब भी कई प्रभावशाली लोग चुप क्यों हैं। उनका यह ट्वीट काफी तीखा था, जिसने सोशल मीडिया यूज़र्स का ध्यान खींच लिया।

असली विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

मामला तब और गरमा गया जब देवोलीना ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के एक ट्वीट पर सीधा जवाब दे दिया। दरअसल, ध्रुव राठी इन दिनों फिल्म ‘धुरंधर’ को लेकर लगातार ट्वीट और विश्लेषण कर रहे थे। देवोलीना को यह बात बिल्कुल रास नहीं आई कि इतने गंभीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दे के बीच एक प्रभावशाली सोशल मीडिया क्रिएटर का फोकस एक फिल्म पर बना हुआ है।

देवोलीना ने ध्रुव राठी को टैग करते हुए लिखा कि वह आमतौर पर उनके ट्वीट्स और वीडियोज़ से दूरी बनाकर रखती हैं, लेकिन बार-बार उनकी पोस्ट सामने आ जाती हैं। इसके बाद उन्होंने सीधा सवाल दागा—
“धुरंधर के बारे में सोचना बंद करिए और बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए कब बोलेंगे?”

सोशल मीडिया पर मचा बवाल

इस एक लाइन ने सोशल मीडिया पर आग लगा दी। देखते ही देखते यह ट्वीट वायरल हो गया और Devoleena vs Dhruv ट्रेंड करने लगा। कई यूज़र्स ने देवोलीना की तारीफ करते हुए उन्हें “निडर” और “सच बोलने वाली” बताया। कुछ लोगों ने लिखा कि वह हर संवेदनशील मुद्दे पर बिना डर अपनी बात रखती हैं, चाहे उन्हें ट्रोलिंग का सामना ही क्यों न करना पड़े।

वहीं दूसरी ओर, ध्रुव राठी के समर्थक भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने देवोलीना के ट्वीट को ज़रूरत से ज़्यादा आक्रामक बताया और सवाल उठाया कि हर मुद्दे पर किसी एक व्यक्ति को निशाना बनाना कितना सही है। कुछ यूज़र्स का कहना था कि किसी भी कंटेंट क्रिएटर को यह तय करने का अधिकार है कि वह किस विषय पर बोले।

‘धुरंधर’ फिल्म भी आ गई बीच में

इस पूरे विवाद का दिलचस्प पहलू यह रहा कि एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दे के बीच फिल्म ‘धुरंधर’ भी चर्चा का हिस्सा बन गई। एक तरफ बांग्लादेश की घटना को लेकर आक्रोश, दूसरी तरफ फिल्म पर बहस, और बीच में देवोलीना का तीखा ट्वीट—यह पूरा मामला सोशल मीडिया के लिए जैसे परफेक्ट ड्रामा बन गया।

क्या ध्रुव राठी देंगे जवाब?

अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि क्या ध्रुव राठी इस ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया देंगे या नहीं। अगर उन्होंने जवाब दिया, तो यह विवाद और लंबा खिंच सकता है। और अगर नहीं दिया, तो भी सोशल मीडिया यूज़र्स अपनी-अपनी तरफ से चर्चाएं और कयास लगाते रहेंगे।

निष्कर्ष

यह पूरा मामला एक बार फिर साबित करता है कि आज के दौर में सोशल मीडिया सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि एक खुला मंच है जहां हर बयान तुरंत बहस का रूप ले लेता है। देवोलीना भट्टाचार्जी का ट्वीट हो या ध्रुव राठी की चुप्पी—हर चीज़ यहां कंटेंट बन जाती है।

फिलहाल इतना तय है कि यह मुद्दा सिर्फ एक ट्वीट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने सोशल मीडिया पर विचारों और मतभेदों की एक नई बहस को जन्म दे दिया है।

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