चीन का डब्ल्यूएचओ से आग्रह, कोविड डेटा पर राजनीतिकरण का उपकरण न बने

चीन का डब्ल्यूएचओ से आग्रह, कोविड डेटा पर राजनीतिकरण का उपकरण न बने
हांगकांग, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। सालों से कोविड डेटा साझा नहीं करने के लिए कई देशों की कड़ी आलोचना का सामना कर रहे चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से आग्रह किया है कि वह इसके राजनीतिकरणका उपकरण न बनें।

राज्य द्वारा संचालित ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में चीन को बदनाम करने के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए और अधूरे सबूतों का इस्तेमाल करने से अंतरराष्ट्रीय निकाय की विश्वसनीयता कम होगी और वायरस की जांच प्रभावित होगी।

विश्लेषण के आधिकारिक प्रकाशन से पहले, संबंधित डेटा को ग्लोबल इनिशिएटिव इन शेयरिंग एवियन इन्फ्लुएंजा डेटा (जीआईएसएआईडी) डेटाबेस पर साझा किया गया था, लेकिन बाद में इसे कथित रूप से हटा दिया गया, जिससे व्यापक अटकलें लगाई गईं।

चीन के कोविड-ओरिजिन ट्रेसिंग टास्क ग्रुप के करीबी एक महामारी विशेषज्ञ ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि ओरिजिन-ट्रेसिंग के अगले चरण में उन जानवरों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जो चमगादड़ जैसे कोरोनावायरस के लिए अधिक प्रवण हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि दिसंबर 2019 में प्रकोप से पहले वुहान में डॉनर्स के रक्त में कोई कोविड एंटीबॉडी नहीं पाया गया था।

चीन सीडीसी के एक शोधकर्ता झोउ लेई ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक चीनी वैज्ञानिक के रूप में, जिसने 2021 में चीन-डब्ल्यूएचओ के ज्वाइंट ओरिजिन-ट्रेसिंग मिशन में भाग लिया, वह डब्ल्यूएचओ की टिप्पणी से हैरान है।

झोउ ने कहा, ज्वाइंट ओरिजिन-ट्रेसिंग मिशन के दौरान, चीनी वैज्ञानिकों ने वुहान में संभावित और संदिग्ध कोविड संक्रमण के 76,000 से अधिक शुरूआती मामलों की जानकारी समेत सभी डेटा और जानकारी साझा की।

उन्होंने कहा, हमने गहन संयुक्त विश्लेषण और अनुसंधान किया, और परिणाम उस समय डब्ल्यूएचओ और चीनी विशेषज्ञों द्वारा सामूहिक रूप से अनुमोदित किए गए थे।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अगर इस तरह का आरोप लगाया जाता है, तो यह डब्ल्यूएचओ की विश्वसनीयता है, जिसे नुकसान होने का जोखिम है।

डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते चीन को यह कहते हुए फटकार लगाई थी कि देश को वुहान से वायरल सैंपल्स तुरंत साझा करने चाहिए, न कि तीन साल बाद, जो महामारी का केंद्र है।

डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 प्रतिक्रिया के लिए तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने प्रतिष्ठित जर्नल साइंस में लिखा है कि इस महीने की शुरूआत में वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी को पता चला कि चीन के वैज्ञानिकों के पास वुहान से वायरल सैंपल्स का डेटा है जो जनवरी 2020 में इकट्ठा किया गया था।

उन्होंने कहा, इन्हें तुरंत साझा किया जाना चाहिए, न कि 3 साल बाद।

डब्ल्यूएचओ चीन और सभी देशों से सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति पर कोई भी डेटा तुरंत साझा करने का आह्वान करता रहता है।

पिछले महीने, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोविड महामारी की उत्पत्ति पर खुफिया जानकारी को सार्वजनिक करने के लिए एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जिसने अब तक वैश्विक स्तर पर सात मिलियन से अधिक लोगों के जान जाने का दावा किया है।

--आईएएनएस

पीके/एएनएम

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