How is acidity and piles eliminated from the root? एसिडिटी और बवासीर जड़ से खत्म कैसे करे 

How is acidity and piles eliminated from the root? 
How is acidity and piles eliminated from the root? एसिडिटी और बवासीर जड़ से खत्म कैसे करे 
Health Care : बवासीर और एसिडिटी के बीच एक संबंध हो सकता है। कब्ज बवासीर और एसिडिटी दोनों का एक आम कारण है। कब्ज के कारण मल त्याग करते समय पेट में दबाव पड़ता है, जिससे मलाशय पर दबाव पड़ता है और बवासीर हो सकती है। इसके अलावा, कब्ज के कारण पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे एसिडिटी हो सकती है।

 

मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे बवासीर है या कुछ और?

बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसमें गुदा या मलाशय की नसें सूज जाती हैं और बाहर निकल आती हैं। बवासीर दो प्रकार की होती है ये बवासीर गुदा के अंदर होती हैं और आमतौर पर दर्द नहीं होती है।  ये मलत्याग के दौरान खून बह सकती हैं। ये बवासीर गुदा के बाहर होती हैं और दर्द, खुजली और सूजन पैदा कर सकती हैं।

बवासीर होने के कई कारण 

कब्ज: कब्ज के कारण मल त्याग करते समय मलाशय पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे नसें सूज जाती हैं।

गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने से मलाशय पर दबाव पड़ता है जिससे बवासीर हो सकती है।

लंबे समय तक खड़े रहना: लंबे समय तक खड़े रहने से मलाशय पर दबाव पड़ता है जिससे बवासीर हो सकती है।

भारी वजन उठाना: भारी वजन उठाने से मलाशय पर दबाव पड़ता है जिससे बवासीर हो सकती है।

पाचन संबंधी समस्याएं: पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे कि अपच गैस और डायरिया भी बवासीर का कारण बन सकती हैं।

एसिडिटी होने का कारण 

एसिडिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट का एसिड भोजन नली में वापस आ जाता है। एसिडिटी के कारण सीने में जलन, खट्टी डकार, उल्टी और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

अधिक भोजन करना : अधिक भोजन करने से पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है जिससे एसिडिटी हो सकती है।

तेलीय और मसालेदार भोजन करना: तेलीय और मसालेदार भोजन पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ा सकते हैं जिससे एसिडिटी हो सकती है।

शराब का सेवन करना: शराब पेट में एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकती है जिससे एसिडिटी हो सकती है।

कब्ज: कब्ज के कारण मल त्याग करते समय पेट में दबाव पड़ता है  जिससे एसिड ऊपर की ओर भोजन नली में आ सकता है।

बवासीर और एसिडिटी से बचाव के उपाय

1.नियमित रूप से व्यायाम करें।

2.स्वस्थ आहार खाएं।

3. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

4. कब्ज से बचें।

5 . शराब और धूम्रपान से बचें।

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