Brain hemorrhage ki homeopathic medicine: होमियोपैथी में संभव है ब्रेन हेमरेज का इलाज?
ब्रेन हेमरेज ट्रीटमेंट रिकवरी: लोग कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। खासकर शरीर में होने वाली बीमारियां तो जैसे आम बात हो गई हैं। कोई भी पूरी तरह से स्वस्थ हो ऐसा कहना बहुत मुश्किल है लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जो इंसान का जीना मुश्किल कर देती हैं। या तो वह जीवन भर उसके साथ चलती हैं या फिर उसकी मुश्किलें और बढ़ाती रहती हैं। इनमें से ही कुछ बीमारियां हैं कैंसर, ब्रेन हेमरेज, डायबिटीज आदि।
हालांकि कुछ लोग होम्योपैथिक दवाओं पर काफी भरोसा करते हैं। वह कोई भी बीमारी होने पर होम्योपैथी ट्रीटमेंट ही लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि होम्योपैथिक में अब बड़ी से बड़ी बीमारी का उपचार संभव है। आप में से कई लोगों के मन में यह सवाल होंगे कि क्या ब्रेन हेमरेज जैसी जटिल और गंभीर बीमारी का इलाज भी होम्योपैथिक में संभव है या नहीं! इसका जवाब हम आपको इस आर्टिकल में देंगे...
ब्रेन हेमरेज क्या होता है ?
ब्रेन हेमरेज एक गंभीर समस्या है, जिसको आम भाषा में दिमाग की नस फटना कहते हैं। ब्रेन हेमरेज की स्थिति उत्पन्न होने पर अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है ब्रेन हेमरेज का खतरा अधिकतर सर्दियों में ज्यादा रहता है।
ब्रेन हेमरेज एक दिमागी दौरा (ब्रेन हेमरेज डेथ) होता है जब किसी कारणवश दिमाग में रक्त प्रवाह कम हो जाता है या अचानक से रक्त प्रवाह अवरोधित हो जाता है, तो ब्रेन हेमरेज की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ब्रेन हेमरेज की समस्या वैसे तो अधिक उम्र के लोगों को ही होती हैं, पर किसी कारणवश यहां कम उम्र के लोगों को भी हो सकती है। ब्रेन हेमरेज का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा होता है।
ब्रेन हेमरेज का मुख्य कारण क्या है
हाई ब्लड प्रेशर- हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज ना किया जाए तो यहां ब्रेन हेमरेज का कारण बनती है
अचानक सर में चोट लगना- छोटी उम्र के लोगों में अचानक से किसी कारणवश सर में चोट लग जाने के कारण ब्रेन हेमरेज की समस्या उत्पन्न हो सकती है
एनयूरिस्म- जब हमारे धमनी का बाहरी हिस्सा कमजोर होने लगता है जिसके कारण धमनी में सूजन आ जाती है इस स्थिति को एन्यूरिस्म कहते हैं ऐसी स्थिति में धमनी फट जाती है जिसके कारण रक्त स्त्राव होता है इस कारण भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है
अधिक उम्र होना- अधिक उम्र के लोगों को ब्रेन हेमरेज की संभावना अधिक रहती है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ उनका दिमाग भी कमजोर हो जाता है और दिमाग की नसें भी कमजोर होने लगती हैं जिस कारण से ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है
तनाव में रहना- तनाव ब्रेन हेमरेज का कारण बनता है अत्यधिक तनाव में रहने से हमारे दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है जिस कारण ब्रेन हेमरेज की संभावना रहती है
धूम्रपान व ड्रग्स का सेवन करना- धूम्रपान व ड्रग्स हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है अधिक धूम्रपान व ड्रग्स करने से भी मस्तिष्क का दौरा पड़ सकता है
हाई कोलेस्ट्रॉल- हाई कोलेस्ट्रॉल एक खतरे की निशानी है इस स्थिति में भी ब्रेन हेमरेज होने की संभावना अधिक रहती है।
जीवनशैली ठीक नही होने पर।
स्ट्रोक के प्रकार- यह 3 तरह का होता है-
(1) स्किमिक स्ट्रोक
धमनियों में वसा का जमाव अधिक हो जाने से वह ज्यादा सकंरी हो जाती है, जिससे उसमे ब्लॉकेज आ जाती है, इससे स्ट्रोक पड़ता है। इसे स्किमिक स्ट्रोक कहते हैं।
(2) ब्रेन हेमरेज
यह स्ट्रोक हाई ब्लड प्रेशर होने से होता है। इसमें ब्रेन के अन्दर रक्त नलिकाओं में लिकेज आ जाता है, जिससे ब्रेन हेमरेज( आन्तरिक रक्त स्त्राव) हो जाता है। ब्रेन हेमरेज में ब्रेन के अन्दर और उसके सतह दोनो पर रक्त स्त्राव होता है।
(3) ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक
यह स्ट्रोक दोनों प्रकार के स्ट्रोक से अलग होता है, क्योंकि इस प्रकार के स्ट्रोक में मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह थोडा सा ही गड़बड़ होता है। ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक रक्त का थक्का बनने के कारण होता है।
ब्रेन हेमरेज के लक्षण क्या हैं
भ्रम की स्थिति होना एवं बोलने और समझने में कठिनाई होना।
सिरदर्द और उल्टी का महसूस होना।
पैरों और शरीर के एक हिस्से में सुन्नता महसूस होना।
स्पष्ट दिखायी न देना, शरीर का संतुलन खो देना और चक्कर आना।
मूत्राशय पर नियंत्रण न होना, शरीर के तापमान में परिवर्तन होना।
डिप्रेशन और आवाज लड़खड़ाना, शरीर कमजोर होना और लकवाग्रस्त हो जाना।
ब्रेन स्ट्रोक से बचने के उपाय...
ब्रेन स्ट्रोक के कारणों को न उत्पन्न होने दिया जाये। जीवन शैली में बदलाव करके स्ट्रोक से बचे।
संतुलित और स्वस्थ आहार लें।
प्रतिदिन एक्सरसाइज करें।
धूम्रपान और तंबाकू का सेवन न करें।
शराब का सेवन न करे।
कोलेस्ट्रॉल न बढ़ने दें।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें।
अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखें।
पूरी नीद ले।
संतुलित और स्वस्थ भोजन का अर्थ यह है कि फल, सब्जियां, ग्रेन, बादाम, अनाज, बीज भोजन में शामिल करें। कोलेस्ट्रॉल एवं सैचुरेटेड फैट युक्त भोजन कम मात्रा में लें। कम मात्रा में नमक का उपयोग करें।
ब्रेन हैमरेज ट्रीटमेंट इन होमियोपैथी
डॉक्टर सबसे पहले मरीज को अर्निका टिंचर देते हैं। इसके अलावा अर्निका टिंचर का लोशन बनाकर इसमें सूती पट्टी भिगोकर सिर पर रखते हैं। गंभीर स्थिति में रक्तस्राव रोकने के लिए मिलीफोलियम और फैरमफॉस जैसी बायोकैमिक दवाएं देते हैं। इसके बाद लक्षणों के आधार पर हाइपेरिकम, बेलेडोना, फेरमफॉस, चायना, हेमामिलस, इपिकाक, जिरेनियम मैकुलेटम आदि दवाएं दी जाती हैं।
इसके साथ ही कई लोगों को क्या भी कंफ्यूजन होता है कि ब्रेन हेमरेज और ब्रेन स्ट्रोक में क्या अंतर होता है। क्या ब्रेन हेमरेज और ब्रेन स्ट्रोक एक ही चीजें हैं या फिर इन दोनों में कोई बड़ा अंतर है। हम आपको बता दें कि यह केवल आपका भ्रम है। ब्रेन हेमरेज या ब्रेन स्ट्रोक यह दोनों बीमारियां एक ही हैं। इन दोनों में कोई अंतर नहीं है।
