बच्चों में लिवर की बीमारी: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

Liver Disease in Children: Causes, Symptoms and Prevention Tips
 
बच्चों में लिवर की बीमारी: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

आज की जीवनशैली, असंतुलित खानपान और अनुवांशिक कारकों के चलते न केवल वयस्क, बल्कि छोटे बच्चे भी लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है पीडियाट्रिक लिवर डिजीज, जो बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। आइए जानते हैं बच्चों में लिवर की बीमारी कैसे होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

क्या है पीडियाट्रिक लिवर डिजीज?

एम्स दिल्ली के पीडियाट्रिक विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. राकेश कुमार बागड़ी बताते हैं कि "पीडियाट्रिक लिवर डिजीज" कोई एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह कई लिवर संबंधी विकारों का समूह है, जो नवजात शिशु से लेकर किशोरावस्था तक के बच्चों को प्रभावित कर सकता है। यह धीरे-धीरे लिवर को क्षतिग्रस्त कर सकता है।

कौन-कौन सी बीमारियां लिवर को प्रभावित कर सकती हैं?

अमेरिकन लिवर फाउंडेशन के अनुसार, निम्नलिखित बीमारियां बच्चों के लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं:

  • नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)

  • वायरल हेपेटाइटिस (A, B, C)

  • ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस

  • मेटाबॉलिक लिवर डिसऑर्डर्स

बच्चों में लिवर की बीमारी के कारण

डॉ. बागड़ी के अनुसार, बच्चों में लिवर डिजीज के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

  • जन्मजात लिवर की संरचना में गड़बड़ी

  • अनुवांशिक (जेनेटिक) समस्याएं

  • हेपेटाइटिस जैसे वायरस संक्रमण

  • शरीर में एंजाइम की कमी

  • कमजोर इम्यून सिस्टम

  • अधिक वसायुक्त और शक्करयुक्त भोजन

लक्षण जिनसे सतर्क रहना जरूरी है

अगर आपके बच्चे में ये लक्षण नजर आएं, तो उन्हें नजरअंदाज न करें:

  • स्किन और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)

  • पेट का फूलना या सूजन

  • गहरा रंग का पेशाब

  • हल्के रंग का मल

  • बार-बार उल्टी होना

  • थकावट, कमजोरी और भूख न लगना

  • वजन का सही तरीके से न बढ़ना

लिवर डिजीज की जांच कैसे की जाती है?

यदि किसी बच्चे में लिवर की बीमारी के लक्षण नजर आते हैं, तो डॉक्टर निम्नलिखित जांच कराने की सलाह दे सकते हैं:

  • लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT)

  • अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन

  • लिवर बायोप्सी (आवश्यक होने पर)

  • जेनेटिक टेस्टिंग (यदि वंशानुगत बीमारी की आशंका हो)

इलाज के विकल्प

बच्चे की बीमारी की स्थिति और गंभीरता के आधार पर इलाज तय किया जाता है:

  • दवाइयों से इलाज: शुरुआती मामलों में कारगर

  • सर्जरी: जैसे बाइल एट्रेशिया में

  • लिवर ट्रांसप्लांट: गंभीर स्थितियों में अंतिम विकल्प

बचाव के उपाय

बच्चों को लिवर की बीमारियों से बचाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:

  1. गर्भावस्था के दौरान मां को समय पर टीकाकरण और पर्याप्त पोषण देना

  2. जन्म के बाद नवजात को हेपेटाइटिस बी का टीका समय पर लगवाना

  3. बच्चे को संतुलित और पौष्टिक आहार देना

  4. फास्ट फूड, जंक फूड और ज्यादा फैट वाले भोजन से परहेज

  5. नियमित रूप से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराना

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