कानूनी लड़ाई में खत्म हो रहा बंगाल का खजाना : ममता


गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के सत्र में भाग लेते हुए ममता ने कहा कि इतने सारे अदालती मामले राज्य सरकार की नई भर्ती के लिए बाधा बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ लोग किसी भी मुद्दे पर बेतरतीब ढंग से अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप नई भर्ती की प्रक्रिया ठप हो रही है। साथ ही, सरकारी खजाने को कर्ज चुकाने में परेशानी हो रही है।
भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस जैसे विपक्षी दल राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच को रोकने के लिए सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च करने का आरोप लगाते रहे हैं।
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, मुख्यमंत्री का यह स्वीकार करना कि अदालती मामले सरकारी खजाने पर दबाव डाल रहे हैं, महत्वपूर्ण हो जाता है।
ममता बनर्जी ने न्याय व्यवस्था से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि जनहित प्रभावित न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं इस विधानसभा के माध्यम से अदालत से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करना चाहूंगा कि जनहित की रक्षा की जाए।
ममता ने अपनी बात रखते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य में दुआरे राशन योजना (दरवाजे पर राशन) शुरू करने के फैसले के खिलाफ उचित मूल्य की दुकान के डीलरों के एक वर्ग द्वारा दायर एक हालिया मामले का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, परियोजना जारी रहेगी। हम किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएंगे और इसके लिए मैं किसी भी हद तक जाऊंगा। यह योजना लोगों के कल्याण के लिए है। राशन डीलरों को इस उद्देश्य के लिए 480 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया गया है। मैंने राशन डीलरों से बात की है। उनमें से ज्यादातर इस परियोजना को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं।
ममता ने यह भी कहा कि राज्य को केंद्र से मिलने वाली बकाया राशि जारी करवाने के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों को संयुक्त रूप से केंद्र सरकार से संपर्क करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, हम लंबे समय तक विपक्ष में रहे, लेकिन हम राज्य के विकास के खिलाफ कभी नहीं गए।
--आईएएनएस
एसजीके