केंद्रीय धन के उपयोग में अनियमितताओं को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका

कोलकाता, 23 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें राज्य सरकार के कुछ विभागों द्वारा केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत धन के उपयोग में भारी अनियमितता का आरोप लगाया गया है।
केंद्रीय धन के उपयोग में अनियमितताओं को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका
केंद्रीय धन के उपयोग में अनियमितताओं को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका कोलकाता, 23 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें राज्य सरकार के कुछ विभागों द्वारा केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत धन के उपयोग में भारी अनियमितता का आरोप लगाया गया है।

जनहित याचिका भाजपा के राज्य महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने दायर की है, जो पूर्व पत्रकार भी हैं। चट्टोपाध्याय ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने एक पत्रकार के तौर पर जनहित याचिका दायर की है।

मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ के समक्ष दायर जनहित याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्य रूप से राज्य सरकार के तीन विभागों - राज्य पंचायत मामलों और ग्रामीण विकास विभाग, राज्य नगरपालिका मामलों, शहरी विकास विभाग और राज्य शिक्षा विभाग द्वारा केंद्रीय धन के उपयोग में भारी अनियमितताएं की गई हैं।

चट्टोपाध्याय ने दावा किया कि धन के दुरुपयोग की कुल मात्रा 2.29 लाख करोड़ रुपये है, क्योंकि इतने बड़े खर्च का कोई उचित उपयोग प्रमाणपत्र नहीं है। मामले पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब केंद्र सरकार ने राज्य में दो केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं - प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और मध्याह्न् भोजन योजना के कार्यान्वयन और प्रगति की समीक्षा के लिए केंद्रीय निरीक्षण टीमों को पश्चिम बंगाल भेजने का फैसला किया है। पीएमएवाई का कार्यान्वयन पंचायत मामले और ग्रामीण विकास विभाग करता है, जबकि मध्याह्न् भोजन योजना शिक्षा विभाग द्वारा कार्यान्वित की जाती है।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस केंद्रीय निरीक्षण दल भेजने के इस फैसले को पहले ही इस मामले में पश्चिम बंगाल को अलग-थलग करने की भाजपा की राजनीतिक चाल बता चुकी है।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

Share this story