राहुल गांधी के माफी नहीं मांगने पर सख्त कार्रवाई के संकेत - लोक सभा सदस्यता खत्म करने की हो रही है मांग

नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)। राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए बयान को लेकर भाजपा माफी मांगने पर अड़ गई है। भाजपा इस बार राहुल गांधी के खिलाफ अपने अभियान या यूं कहें कि लड़ाई को एक अहम मुकाम तक पहुंचाना चाहती है। ऐसे भी संकेत आ रहे हैं कि अगर राहुल गांधी अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते हैं या खेद व्यक्त नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
राहुल गांधी के माफी नहीं मांगने पर सख्त कार्रवाई के संकेत - लोक सभा सदस्यता खत्म करने की हो रही है मांग
नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)। राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए बयान को लेकर भाजपा माफी मांगने पर अड़ गई है। भाजपा इस बार राहुल गांधी के खिलाफ अपने अभियान या यूं कहें कि लड़ाई को एक अहम मुकाम तक पहुंचाना चाहती है। ऐसे भी संकेत आ रहे हैं कि अगर राहुल गांधी अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते हैं या खेद व्यक्त नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

भाजपा की तरफ से इस अभियान की अगुवाई पार्टी के लोक सभा सांसद निशिकांत दुबे करते नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोक सभा के अंदर राहुल गांधी द्वारा दिए गए भाषण को लेकर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने वाले भाजपा सांसद दुबे ने देश की संसद, भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करने के बयान के लिए उनके खिलाफ विशेष समिति बनाने की मांग की है। सदन के अंदर राहुल गांधी के भाषण को लेकर भी उन्होंने विशेषाधिकार समिति के सामने 10 मार्च को पेश होकर राहुल गांधी की लोक सभा सदस्यता को रद्द करने की मांग की थी और अब उन्होंने लंदन में दिए गए बयान के मसले पर राहुल गांधी के खिलाफ एक विशेष समिति बनाकर उनकी लोक सभा की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। उन्होंने इस मांग को लेकर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भी लिखा है।

राहुल गांधी के खिलाफ लोक सभा के अंदर और विशेषाधिकार समिति के सामने मोर्चा खोलने वाले निशिकांत दुबे लगातार और पुरजोर शब्दों में उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

शुक्रवार को भी दुबे ने ट्वीट कर कहा, राहुल गांधी की सदस्यता लोक सभा से खत्म करने के लिए 1952 से लेकर राजनाथ सिंह जी का 2013 का उदाहरण काफी है, 2005 में पैसे लेकर प्रश्न पूछने पर 11 सांसद सदस्यता खो चुके हैं।

सूत्रों की माने तो, अगर इस विवाद का समाधान नहीं होता है तो भाजपा उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने के अभियान को और जोर-शोर से उठा सकती है।

--आईएएनएस

एसटीपी/एएनएम

Share this story