स्वदेशी जागरण मंच ने भारतीय उद्योगों को दी चीनी निवेश को डंप करने की सलाह

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध के बीच भारतीय उद्योगों को चीनी निवेश को डंप करने की सलाह दी है।
स्वदेशी जागरण मंच ने भारतीय उद्योगों को दी चीनी निवेश को डंप करने की सलाह
स्वदेशी जागरण मंच ने भारतीय उद्योगों को दी चीनी निवेश को डंप करने की सलाह नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध के बीच भारतीय उद्योगों को चीनी निवेश को डंप करने की सलाह दी है।

आईएएनएस से बातचीत करते हुए स्वदेशी जागरण मंच - एसजेएम के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन ने पेटीएम के विस्तार में चीन के निवेश की वजह से आ रही बाधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इसका संदेश बिल्कुल साफ और स्पष्ट है जो भारत की उन सभी कंपनियों और उद्योगों को समझ लेना चाहिए। जिनमें चीन की कंपनियों ने निवेश कर रखा है, अब इस तरह की कंपनियों के भारत में विस्तार की संभावना बहुत कम है।

दरअसल, डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम बीमा क्षेत्र की एक कंपनी को खरीद कर इस क्षेत्र में भी अपने पैर फैलाना चाहती थी लेकिन पेटीएम में चीन की कंपनियों द्वारा किए गए निवेश को देखते हुए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण - इरडा ने इस सौदे को मंजूरी नहीं दी है। बताया जा रहा है कि बीमा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भारत सरकार चीन को किसी भी रूप में प्रवेश नहीं करने देना चाहती है, इसलिए इस सौदे को मंजूरी नहीं दी गई है।

इरडा के इसी फैसले का हवाला देते हुए महाजन ने कहा कि चीनी कंपनियों का निवेश बीमा उद्योग क्षेत्र में पेटीएम के खुद के विस्तार के लिए एक बाधा बन गया है और इरडा के इस फैसले का संदेश बिल्कुल साफ है कि अगर आप आगे बढ़ना चाहते हैं और अपने उद्योग का विस्तार करना चाहते हैं तो चीनी निवेश को डंप करना ही होगा।

आईएएनएस से बात करते हुए महाजन ने यह भी कहा कि चीन की किसी भी कंपनी द्वारा भारतीय कंपनियों में किसी भी प्रकार से किया गया निवेश वास्तव में चीन सरकार द्वारा किया गया ही निवेश होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन इन निवेशों के जरिए भारतीयों का डाटा एकत्र करते हैं जिनके दुरुपयोग की आशंका हमेशा बनी रहती है।

आईएएनएस से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच तो हमेशा से ही भारतीय कंपनियों में चीनी कंपनियों के निवेश का विरोध करता रहा है और यह अच्छी बात है कि अब सरकार भी इसके खतरे को समझने लगी है। उन्होंने कहा कि चीनी कंपनियों का निवेश भारत और भारतीय लोगों के साथ-साथ भारतीय उद्योगों के लिए भी बड़ा खतरा है।

--आईएएनएस

एसटीपी/आरजेएस

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