FBI की चेतावनी: क्या भारत बन रहा है फेंटानाइल जैसी खतरनाक ड्रग्स का गढ़?
FBI की भारत से मांग क्या है?
काश पटेल का बयान और अमेरिका की रणनीति

भारत की भूमिका पर उठते सवाल
क्या भारत वास्तव में फेंटानाइल निर्माण का नया केंद्र बन रहा है?
FBI Chief Kash Patel हाल ही में अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के निदेशक काश पटेल ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन से आग्रह किया है कि भारत से सहयोग लेकर फेंटानाइल (Fentanyl) जैसी खतरनाक ड्रग्स की तस्करी पर रोक लगाई जाए। काश पटेल के इस बयान ने भारत को वैश्विक ड्रग नेटवर्क के संदिग्ध केंद्र के रूप में चिन्हित कर दिया है।
फेंटानाइल क्या है?
फेंटानाइल एक सिंथेटिक ओपिऑइड (synthetic opioid) है, जो दर्द निवारण के लिए उपयोग किया जाता है। यह मॉर्फीन से करीब 50 गुना और हीरोइन से लगभग 100 गुना ज़्यादा शक्तिशाली होता है। इसका उपयोग मेडिकल क्षेत्र में केवल सीमित मात्रा और बहुत विशेष परिस्थितियों में किया जाता है। लेकिन जब इसे गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, तो यह अत्यधिक नशे और मौत का कारण बन सकता है।
भारत की भूमिका पर सवाल
FBI के मुताबिक, चीन के बाद भारत तेजी से फेंटानाइल और इसके घटकों के निर्माण में शामिल हो रहा है। हालांकि भारत में इसका उपभोग बहुत कम है, लेकिन यह देश अब एक ट्रांजिट हब और केमिकल सप्लाई चेन का हिस्सा बनता जा रहा है। भारत की बड़ी फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री और केमिकल निर्माण सुविधाएं, इसके दुरुपयोग को आसान बनाती हैं।
भारत में फेंटानाइल अवैध क्यों है?
भारत सरकार ने फेंटानाइल को एक ‘नारकोटिक ड्रग’ के रूप में सूचीबद्ध किया है और इसके निर्माण व वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) इसपर लगातार कार्रवाई करते हैं। लेकिन ऑनलाइन और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क्स के माध्यम से अवैध आपूर्ति और निर्माण की संभावना बनी रहती है।
FBI का भारत से सहयोग क्यों जरूरी है?
FBI चाहता है कि भारत, अमेरिका के साथ मिलकर ड्रग ट्रैफिकिंग नेटवर्क के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाए। इससे ना सिर्फ फेंटानाइल की तस्करी पर रोक लगेगी, बल्कि भारत की छवि को भी वैश्विक मंच पर सुरक्षित रखा जा सकेगा। अमेरिका में फेंटानाइल से हर साल हजारों लोगों की मौत हो रही है, और यह एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट बन चुका है।
भारत को अब सतर्क रहने की ज़रूरत है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की फार्मा इंडस्ट्री को विश्वसनीय माना जाता है, लेकिन अगर उसमें शामिल कुछ गलत तत्व ड्रग तस्करी में संलग्न हैं, तो भारत की प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान हो सकता है। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे नेटवर्क्स पर कड़ी कार्रवाई करे और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस ज़हर को फैलने से रोके।