Ghar Wapsi in uttar pradesh उत्तर प्रदेश में घर वापसी: धर्म परिवर्तन, इतिहास और लव जिहाद कानून का राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

 
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Love jihad in uttar pradesh हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 12 लोगों ने इस्लाम धर्म छोड़कर दोबारा हिंदू धर्म अपना लिया। इसे "घर वापसी" कहा गया है। यह कोई पहली घटना नहीं है, लेकिन हर बार जब इस प्रकार की घटनाएँ सामने आती हैं, तो भारतीय राजनीति, समाज और मीडिया में एक नई बहस छिड़ जाती है। यह सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि एक गहरी राजनीतिक और सामाजिक प्रक्रिया बन चुकी है जिसमें "लव जिहाद", "धर्मांतरण", और "घर वापसी" जैसे शब्दों का प्रयोग वैचारिक टकराव के औज़ार के रूप में होता है।

क्या है घर वापसी?

"घर वापसी" का शाब्दिक अर्थ है — अपने मूल धर्म में वापसी। इसे विशेषकर उन व्यक्तियों के लिए प्रयोग किया जाता है, जिन्होंने किसी कारणवश (चाहे स्वेच्छा से या दबाव में) अपना धर्म बदला हो और अब वे पुनः अपने मूल धर्म (अधिकतर हिंदू धर्म) में लौट रहे हों। यह शब्द विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उससे जुड़े संगठनों द्वारा प्रयोग में लाया गया है।

RSS का मानना है कि भारत के अधिकांश मुसलमान और ईसाई मूलतः हिंदू थे, जिनका धर्म परिवर्तन ऐतिहासिक कारणों से हुआ — जैसे मुगल आक्रांताओं के समय या ब्रिटिश मिशनरियों के प्रभाव से।

धर्म परिवर्तन का इतिहास: कब आया इस्लाम और ईसाई धर्म भारत में?

भारत में इस्लाम सातवीं सदी में अरब व्यापारियों के माध्यम से आया, लेकिन उसका व्यापक प्रचार-प्रसार 12वीं सदी में तुर्क और मुगल आक्रमणों के दौरान हुआ। सत्ता, भय, सामाजिक भेदभाव और मजबूरी के चलते कई लोगों ने इस्लाम धर्म अपनाया।

वहीं ईसाई धर्म भारत में पहली सदी में सेंट थॉमस के माध्यम से आया था, लेकिन इसका प्रभाव विशेष रूप से तब बढ़ा जब पुर्तगाल, फ्रांस और अंततः ब्रिटिश ईसाई मिशनरी भारत आए। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के नाम पर गरीब तबकों के बीच काम किया, और अनेक लोग ईसाई धर्म में दीक्षा लेने लगे।

क्यों होता है धर्म परिवर्तन?

धर्म परिवर्तन के पीछे कई कारण होते हैं:

  1. सामाजिक भेदभाव – विशेषकर दलित और पिछड़े वर्गों को हिंदू समाज में जो भेदभाव मिला, उसने उन्हें दूसरे धर्मों की ओर आकर्षित किया।

  2. आर्थिक और शैक्षिक अवसर – ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित स्कूल, अस्पताल, और आर्थिक सहायता ने अनेक गरीब वर्गों को अपनी ओर खींचा।

  3. शादी और प्रेम संबंध (लव जिहाद) – कई बार अंतरधार्मिक विवाह के कारण धर्म बदलना पड़ता है।

  4. राजनीतिक कारण – धार्मिक पहचान कई बार राजनीतिक लाभ के लिए भी बदली जाती है।

लव जिहाद क्या है?

"लव जिहाद" एक विवादित शब्द है, जिसका प्रयोग कुछ हिंदू संगठनों द्वारा उस प्रक्रिया के लिए किया जाता है, जिसमें मुस्लिम युवक हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं और उनसे शादी करते हैं। हालांकि इस शब्द को न्यायालयों और पुलिस जांच में पुष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं, फिर भी यह एक राजनीतिक और सांस्कृतिक विमर्श का बड़ा हिस्सा बन चुका है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2020 में "विवाह के द्वारा अवैध धर्मांतरण" को रोकने के लिए एक कानून लागू किया — उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति शादी के उद्देश्य से धर्म परिवर्तन कराता है, तो वह दंडनीय अपराध माना जाएगा।

उत्तर प्रदेश की वर्तमान घटना: 12 लोगों की घर वापसी

लखनऊ में जिन 12 लोगों ने घर वापसी की, उनमें से कुछ ने बताया कि उन्हें दबाव, भय या प्रेम के नाम पर इस्लाम अपनाने के लिए बाध्य किया गया था। अब वे अपनी संस्कृति, परंपरा और आस्था में लौट आए हैं। इस घर वापसी कार्यक्रम का आयोजन एक हिंदू संगठन द्वारा किया गया था, जिसमें वैदिक रीति से पूजा और यज्ञ के माध्यम से पुनः दीक्षा दी गई।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और प्रभाव

घर वापसी की घटनाओं पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं बंटी होती हैं:

  • भाजपा और संघ परिवार इसे "सांस्कृतिक पुनर्जागरण" बताते हैं और दावा करते हैं कि यह भारत की असली पहचान की ओर लौटना है।

  • वहीं विपक्षी दल इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति मानते हैं और कहते हैं कि इस तरह की घटनाएं अल्पसंख्यकों में भय फैलाने का माध्यम बन रही हैं।

इसके साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी धर्मांतरण विरोधी कानूनों की आलोचना की है और कहा है कि वे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करते हैं।

मीडिया और समाज में प्रभाव

हर बार जब कोई घर वापसी की घटना होती है, सोशल मीडिया पर इसकी व्यापक चर्चा होती है। समर्थक इसे गर्व और आत्मसम्मान से जोड़ते हैं, जबकि विरोधी इसे "धर्म के नाम पर राजनीति" कहते हैं।

इससे समाज में धार्मिक ध्रुवीकरण, आपसी अविश्वास और तनाव भी बढ़ सकता है, विशेषकर मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में।

घर वापसी कोई नई प्रक्रिया नहीं है, लेकिन आज यह भारत की राजनीति, समाज और धार्मिक विमर्श का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। इसका संबंध सिर्फ धर्म से नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, पहचान, राजनीति और कानून से भी है।

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून और घर वापसी की घटनाएं भविष्य में इस विमर्श को और अधिक तेज़ करेंगी। यह आवश्यक है कि समाज इस विषय को सिर्फ भावनाओं और वोट बैंक की दृष्टि से न देखे, बल्कि इसे तथ्यों, संवेदनशीलता और सामाजिक समरसता के नजरिए से समझे।


(इस लेख के माध्यम से हम धर्मांतरण, घर वापसी और कानून के सामाजिक-राजनीतिक पहलुओं को समझने का प्रयास कर रहे हैं।)

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