राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नवोन्मेष 2025 एआईडिया चैलेंज में विजेताओं को किया सम्मानित, छात्रों के नवाचारों की सराहना की

 Governor Anandiben Patel honored the winners in the innovation 2025 Aidia Challenge, appreciated the innovations of the students 
 
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 लखनऊ डेस्क (प्रत्यूष पाण्डेय)।  उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में आयोजित "नवोन्मेष 2025 एआईडिया चैलेंज" के समापन समारोह में प्रतिभागियों को सम्मानित किया। यह आयोजन 24 घंटे के हैकथॉन ग्रैंड फिनाले का हिस्सा था, जिसमें छात्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीकी समाधानों के माध्यम से सामाजिक समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए।

छात्रों के विचारों और नवाचारों की सराहना

राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्रोजेक्ट प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज के युवा यदि तकनीकी दक्षता के साथ सामाजिक सोच को जोड़ लें, तो देश के विकास में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उनके रचनात्मक विचारों और समाज हित में दिए गए समाधान के लिए बधाई दी। राज्यपाल ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि गांवों के छात्र भी उतने ही प्रतिभाशाली होते हैं, जितने शहरी क्षेत्रों के। उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवाओं को अवसर मिलें तो वे भी बड़े स्तर पर नवाचार कर सकते हैं।

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समाजोपयोगी नवाचारों पर ज़ोर

अपने संबोधन में राज्यपाल ने लिंगानुपात जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि वे डेटा आधारित समाधान विकसित करें। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्र गर्भधारण और शिशु जन्म से जुड़े डेटा को इकट्ठा कर, AI की मदद से लिंगानुपात के अंतर को समझें और इसके सुधार के लिए व्यावहारिक समाधान विकसित करें।

कृषि और ग्रामीण विकास को केंद्र में रखने का आग्रह

राज्यपाल ने "श्री अन्न" (मिलेट्स) के बढ़ते महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि छात्रों को किसानों को उचित फसल चयन, मौसम और मिट्टी के आधार पर सलाह देने वाले तकनीकी उपकरण विकसित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र ऐसे नवाचार करें जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना सकें और फसल सर्वेक्षण जैसे क्षेत्रों में सुधार ला सकें।

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योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नवाचार की जरूरत

राज्यपाल ने आयुष्मान भारत योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि छात्रों को ऐसे डिजिटल मॉडल विकसित करने चाहिए जो योजनाओं का गलत उपयोग रोक सकें और सही लाभार्थियों तक सहायता सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना की समयबद्धता ज़रूरी है, और छात्र तकनीकी साधनों के जरिए इसमें मददगार साबित हो सकते हैं।

देश को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने में युवाओं की भूमिका अहम

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के "विकसित भारत" विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि जब देश के युवा समय की मर्यादा में कार्य करें, समाज की ज़रूरतों को समझें और टिकाऊ समाधान दें, तभी यह सपना साकार होगा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे गांवों को मजबूत करने के लिए नवाचार करें, क्योंकि आत्मनिर्भर भारत की नींव वहीं से शुरू होती है।

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आईडिया लैब और छात्रावासों का भी हुआ उद्घाटन

इस अवसर पर राज्यपाल ने इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड मेकर्स लैब, AICTE-AKTU आईडिया लैब, और दो नवनिर्मित छात्रावासों का उद्घाटन किया। उन्होंने छात्रावासों की सुविधाओं का निरीक्षण किया और विशेष रूप से स्वच्छता, वेंटिलेशन और रसोई की व्यवस्था की सराहना की।

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