G7 समिट में PM मोदी की कूटनीतिक जीत: भारत-कनाडा के बीच हुई बड़ी डील

 
pm modi in canada
 

कैलगरी (कनाडा), जून 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा यात्रा ने भारत की विदेश नीति को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। G7 समिट के लिए पीएम मोदी की उपस्थिति न केवल एक वैश्विक मंच पर भारत की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों में भी सुधार का संकेत देती है।

2023 के बाद बदले हालात

2023 में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में काफी खटास आ गई थी। कनाडा में कुछ कट्टरपंथी समूहों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियाँ और भारत सरकार पर झूठे आरोप लगाए जाने से दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों पर बुरा असर पड़ा था।

लेकिन 2025 में G7 समिट में पीएम मोदी का कनाडा आना और वहां गर्मजोशी से उनका स्वागत होना यह दिखाता है कि अब कनाडा भी भारत की ताकत और कूटनीतिक अहमियत को समझ चुका है।

भारत-कनाडा के बीच आतंकवाद पर बड़ी डील

G7 समिट के दौरान भारत और कनाडा के बीच एक अहम समझौता हुआ — आतंकवाद पर साझा खुफिया जानकारी का समझौता। इस डील के तहत दोनों देश अब आतंकवाद और चरमपंथ से जुड़ी सूचनाएं एक-दूसरे के साथ तेजी से साझा करेंगे।

यह समझौता खालिस्तानी उग्रवाद, विदेशी फंडिंग, और भारत विरोधी नेटवर्क को रोकने में बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत लंबे समय से कनाडा से यह मांग कर रहा था कि वह अपने देश में सक्रिय भारत विरोधी ताकतों पर लगाम लगाए।

भारतीय मूल के लोगों की प्रतिक्रिया

कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के लोगों में इस दौरे को लेकर काफी उत्साह देखा गया। टोरंटो, वैंकूवर, और कैलगरी जैसे शहरों में भारतीय समुदाय ने मोदी के स्वागत में रैलियाँ और कार्यक्रम आयोजित किए।

कई प्रवासी भारतीयों ने इसे "भारत की सॉफ्ट पावर की जीत" कहा। उनका मानना है कि यह दौरा दोनों देशों के बीच गलतफहमियों को दूर करने और सकारात्मक रिश्तों की शुरुआत करने का एक बेहतरीन मौका है।

कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का रुख

मार्क कार्नी, जो कनाडा के नए प्रधानमंत्री बने हैं, ने भारत के साथ संबंधों को फिर से मजबूत करने की पहल की है। उन्होंने साफ कहा कि “भारत एक वैश्विक शक्ति है और उसके साथ सहयोग हमारे लिए भी जरूरी है।”

उनके नेतृत्व में कनाडा सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने और भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेने का भरोसा दिलाया है।

निष्कर्ष:

PM मोदी की यह कनाडा यात्रा सिर्फ एक डिप्लोमैटिक विज़िट नहीं थी, बल्कि यह भारत की वैश्विक स्थिति, कूटनीतिक सूझबूझ और मजबूत नेतृत्व का प्रमाण है। आतंकवाद पर हुए समझौते और भारतीय समुदाय के मजबूत समर्थन से यह साफ है कि आने वाले समय में भारत-कनाडा के रिश्तों में नई ऊर्जा देखने को मिलेगी।

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