प्रधानमंत्री मोदी की मध्यप्रदेश यात्रा: धार से गूंजा राष्ट्रवाद और विकास का संदेश
पवन वर्मा – विनायक फीचर्स)
धार (मध्यप्रदेश), विश्वकर्मा जयंती 2025। इतिहास और संस्कृति की धरोहर मानी जाने वाली धार नगरी सोमवार को एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहाँ विशाल जनसभा को संबोधित किया। उनके भाषण ने न केवल राष्ट्रवाद की भावना को प्रखर किया, बल्कि आधुनिक भारत के विकास और आत्मनिर्भरता की स्पष्ट रूपरेखा भी प्रस्तुत की।
पराक्रम और प्रेरणा की धरती – धार
प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत धार की गौरवशाली परंपरा का उल्लेख करते हुए की। महाराजा भोज और अहिल्याबाई होल्कर जैसी विभूतियों की कर्मभूमि धार को उन्होंने पराक्रम और प्रेरणा की भूमि बताया। मोदी ने कहा कि महाराजा भोज का शौर्य आज भी हमें राष्ट्रगौरव और सेवा का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करता है।
आतंकवाद पर कड़ा रुख और आत्मविश्वास भरा भारत
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने याद दिलाया कि जब आतंकियों ने देश की अस्मिता को चुनौती दी थी, तब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब दिया। उन्होंने साफ कहा कि 21वीं सदी का भारत अब केवल रक्षा नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता रखता है।

हैदराबाद मुक्ति आंदोलन का स्मरण
17 सितंबर के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने हैदराबाद मुक्ति आंदोलन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के नेतृत्व में इसी दिन हैदराबाद का भारत में विलय हुआ था। मोदी ने बताया कि अब इस दिन को हैदराबाद लिबरेशन डे के रूप में मनाया जाता है, ताकि आने वाली पीढ़ियां उस बलिदान और एकता को याद रख सकें।
विकसित भारत के चार स्तंभ
प्रधानमंत्री ने अपने विज़न विकसित भारत को सामने रखते हुए कहा कि यह चार स्तंभों पर आधारित है –
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नारी शक्ति
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युवा शक्ति
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गरीब वर्ग
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किसान वर्ग
उनका मानना है कि जब ये चारों वर्ग सशक्त होंगे, तब भारत किसी भी वैश्विक चुनौती का मजबूती से सामना करेगा।
धार से दिया नारी सशक्तिकरण का संदेश
मोदी ने नारी शक्ति और स्वास्थ्य को केंद्र में रखकर कहा कि धार से शुरू होने वाला कार्यक्रम केवल स्थानीय पहल नहीं, बल्कि पूरे देश की माताओं और बहनों को समर्पित है। उन्होंने इसे सशक्त परिवार और सशक्त समाज की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया, विशेष रूप से आदिवासी समाज की महिलाओं के लिए।
टेक्सटाइल पार्क: आत्मनिर्भरता की नई उड़ान
विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क की आधारशिला रखी। यह परियोजना स्थानीय रोजगार, आत्मनिर्भर भारत और लोकल फॉर ग्लोबल के विज़न को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। इससे टेक्सटाइल सेक्टर में बड़ा निवेश और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे।
स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत
अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस शिक्षित, आत्मनिर्भर और गर्वपूर्ण भारत का सपना देखा था, आज वही संकल्प हमें विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर कर रहा है।
निर्णायक शक्ति के रूप में उभरता भारत
धार से दिया गया प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश केवल एक राजनीतिक भाषण नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद, सामाजिक समावेश, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक चेतना का संगम था। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत अब केवल विकासशील देश नहीं, बल्कि एक निर्णायक शक्ति और संवेदनशील समाज के रूप में विश्व मंच पर स्थापित हो चुका है। अंत में उन्होंने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र को दोहराते हुए भारत के भविष्य की दिशा तय करने का आह्वान किया।
