कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक पुलकित खरे ने टीटीएल कार्यशाला का किया निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान मिशन निदेशक ने कार्यशाला में स्थापित आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों पर प्रयोगात्मक गतिविधियां कराकर प्रशिक्षण की गुणवत्ता का परीक्षण किया। उन्होंने अनुदेशकों और प्रशिक्षार्थियों से प्रत्यक्ष संवाद कर प्रशिक्षण की उपयोगिता, सीखने की प्रक्रिया तथा उद्योग की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास पर फीडबैक भी प्राप्त किया।
टीटीएल प्रशिक्षण मॉडल की सराहना
निरीक्षण उपरांत पुलकित खरे ने संस्थान में संचालित टीटीएल प्रशिक्षण की सराहना करते हुए प्रधानाचार्य राज कुमार यादव एवं उनके प्रशिक्षण स्टाफ के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने निर्देश दिए कि टाटा टेक्नोलॉजी के प्रशिक्षकों के साथ-साथ आईटीआई के नियमित अनुदेशकों को भी प्रशिक्षण प्रक्रिया में सक्रिय रूप से जोड़ा जाए, ताकि प्रभावी नॉलेज ट्रांसफर सुनिश्चित हो सके और भविष्य में प्रशिक्षण संचालन में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
प्रशिक्षण संसाधनों के बेहतर उपयोग के निर्देश
मिशन निदेशक ने यह भी निर्देशित किया कि जिन व्यवसायों में वर्तमान में दीर्घकालिक पाठ्यक्रम संचालित नहीं हैं तथा जहां उपलब्ध मशीनों और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव है, वहां उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रशिक्षण लक्ष्य प्राप्त किए जाएं। इस संबंध में उन्होंने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज के प्रधानाचार्य सहित प्रदेश के सभी राजकीय आईटीआई के प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर प्रशिक्षण लक्ष्य प्रस्तावित करने के निर्देश दिए।

ये अधिकारी रहे उपस्थित
निरीक्षण के दौरान
संयुक्त निदेशक, एसीवीटी मयंक गंगवार,
मुख्य परिचालन अधिकारी, डीडीयूजीकेवाई आशीष कुमार,
कार्यदेशक निर्भय कुमार सिंह,
दिलीप श्रीवास्तव, एम. ए. खान, एस. पी. निगम, ओम कुमार तिवारी सहित अन्य अधिकारी एवं संस्थान का स्टाफ उपस्थित रहा।

