अब भारत में बनेगा राफेल Tata -Dassault Aviation Deal से पाकिस्तान-चीन की नींद उड़ी

 
Tata Dassault deal

भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई देने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (Tata Advanced Systems Limited - TASL) और फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है, जिसके तहत अब भारत में ही राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) के फ्यूज़लाज (ढांचे) का निर्माण किया जाएगा।

क्या है यह डील?

इस समझौते के अंतर्गत टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स भारत में राफेल जेट के मुख्य ढांचे (fuselage) का निर्माण करेगी। यह सिर्फ एक तकनीकी डील नहीं है, बल्कि भारत की ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) नीति और आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में एक बड़ा कदम है।

डसॉल्ट एविएशन के साथ यह सहयोग भारत-फ्रांस के बीच गहराते रक्षा संबंधों का प्रमाण भी है।

क्या भारत में पूरा राफेल बनेगा?

फिलहाल इस डील में फ्यूज़लाज निर्माण पर ही ध्यान दिया गया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह शुरुआत है — भविष्य में भारत में ही राफेल के अन्य हिस्सों और संभवतः संपूर्ण विमान के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

विदेशी कंपनियों के साथ भारत की रक्षा साझेदारी

भारत पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न विदेशी रक्षा कंपनियों के साथ मिलकर रक्षा उत्पादन को घरेलू स्तर पर बढ़ावा दे रहा है। राफेल डील के अलावा, भारत ने रूस, इज़राइल, अमेरिका और अन्य देशों के साथ भी कई अहम रक्षा सहयोग किए हैं।

भारत का रक्षा बजट भी इस दिशा में लगातार बढ़ रहा है। 2024-25 के बजट में भारत ने रक्षा क्षेत्र के लिए करीब 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की है, जिसमें तकनीकी आधुनिकीकरण, स्वदेशी उत्पादन और अनुसंधान शामिल हैं।

प्रोपेगेंडा और पाकिस्तान-चीन की बेचैनी

इस डील के बाद पाकिस्तान और चीन में बेचैनी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। ग्लोबल टाइम्स (Global Times) जैसे चीनी मीडिया संस्थानों और पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा चैनलों ने पहले भी झूठ फैलाया कि पाकिस्तान ने राफेल विमान को मार गिराया था — जबकि ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला।

अब जब भारत राफेल का निर्माण खुद करने जा रहा है, तो इन देशों की चिंता और अधिक बढ़ गई है। यह न केवल रणनीतिक रूप से, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी भारत की बड़ी जीत है।

भारत और फ्रांस के बीच यह समझौता सिर्फ तकनीकी साझेदारी नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक सैन्य ताकत का प्रतीक है। इससे न केवल भारत की रक्षा क्षमताएं बढ़ेंगी, बल्कि देश में रोजगार, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और स्वदेशीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

"अब भारत में बनेगा राफेल" — यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की घोषणा है, जिससे पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ना स्वाभाविक है।

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