विकसित और समृद्ध भारत की ओर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्ष

लेखक: मृत्युंजय दीक्षित ) वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तब से लेकर अब तक देश ने अभूतपूर्व परिवर्तन और प्रगति की दिशा में अनेक कदम बढ़ाए हैं। सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को केंद्र में रखते हुए मोदी सरकार ने न केवल अनेक संकटों का सामना किया, बल्कि हर मोर्चे पर सशक्त नेतृत्व भी प्रदान किया। चाहे कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी हो या सीमाओं पर सुरक्षा चुनौतियाँ, भारत ने हर परिस्थिति में मजबूती से खड़े होकर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक "नया भारत" बनने की दिशा में सशक्त कदम बढ़ाए हैं। राष्ट्ररक्षा, आंतरिक सुरक्षा और विदेश नीति में लिए गए निर्णायक फैसलों ने भारत की वैश्विक छवि को मजबूत किया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, सीमाओं पर सर्जिकल स्ट्राइक, और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम जैसे निर्णय इस परिवर्तन के स्पष्ट संकेत हैं। पाकिस्तान के साथ संबंधों में अब पहले जैसी नरमी नहीं, बल्कि स्पष्टता और दृढ़ता का रुख देखा जा सकता है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत भारत अब केवल रक्षा उपकरणों का आयातक नहीं, बल्कि निर्यातक भी बन रहा है। स्वदेशी हथियारों और तकनीक की मदद से भारत की रक्षा नीति और अधिक प्रभावशाली हुई है। नक्सलवाद के विरुद्ध भी सशक्त अभियान चलाकर देश के आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ किया गया है।
मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं ने करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। स्वच्छ भारत अभियान, उज्ज्वला योजना, जन-धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, मातृत्व वंदना योजना जैसी पहलें समाज के वंचित वर्गों के उत्थान में सहायक रही हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, इन योजनाओं की बदौलत लगभग 27 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से ऊपर उठ सके हैं।
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत आज दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की ओर अग्रसर है। जीएसटी और नोटबंदी जैसे फैसलों से अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और कर सुधार संभव हुआ। डिजिटल इंडिया और आधार आधारित सेवाओं ने सरकारी लाभों को सीधे जनता तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैंकिंग सेवाओं के व्यापक विस्तार से वित्तीय समावेशन को भी बल मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारतीय संस्कृति और परंपराओं का पुनर्जागरण भी देखा गया। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ और केदारनाथ धाम का पुनरुद्धार, तथा प्रयागराज में भव्य कुंभ आयोजन ने देश की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। चोरी हुई भारतीय कलाकृतियों और मूर्तियों की वापसी भी इस सांस्कृतिक चेतना का हिस्सा है।
कोविड-19 संकट के दौरान भारत सरकार ने न केवल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की, बल्कि "वैक्सीन मैत्री" के माध्यम से विश्व के अनेक देशों की सहायता भी की। भारत ने अपनी स्वयं की वैक्सीन विकसित की और उसकी आपूर्ति अन्य देशों को की, जिससे वैश्विक मंच पर भारत की छवि और सशक्त हुई।
स्वास्थ्य क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना, जनऔषधि केंद्रों की स्थापना, योग और फिट इंडिया जैसे अभियानों ने नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया है। श्री अन्न (मिलेट्स) के उपयोग को बढ़ावा देने से लेकर वसा युक्त भोजन में कटौती का आह्वान तक, प्रधानमंत्री मोदी जनस्वास्थ्य के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं।
अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक में भी भारत ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। चंद्रयान-3 के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से लेकर आदित्य एल-1 मिशन और आगामी गगनयान तक, भारत विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
प्रधानमंत्री मोदी के 11 वर्षों का कार्यकाल न केवल नीतिगत बदलावों का साक्षी है, बल्कि यह कालखंड भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा, आंतरिक सशक्तिकरण और सर्वांगीण विकास की गौरवगाथा बन चुका है। जनहित और राष्ट्रहित की दिशा में चल रही यह यात्रा भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की ओर अग्रसर है।