Who is Madhavi Latha : कौन हैं माधवी लता, जिसे भाजपा ने हैदराबाद सीट पर असरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दिया टिकट
इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को भी टिकट थमाया है. इस बीच मोदी-शाह की नज़र हैदराबाद सीट (Hyderabad Constituency) पर है. इस सीट पर कई सालों से AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जीतते आ रहे हैं. वहीं, पार्टी ने इस बार के चुनाव में हैदराबाद सीट से एक महिला उम्मीदवार को टिकट थमाया है, जो आजकल चर्चा में बनी हुई हैं.
कौन हैं माधवी लता?
तेलंगाना की हैदराबाद सीट पर भाजपा ने इस बार कोम्पेला माधवी लता (Who is Madhavi Lata) को चुनावी मैदान में उतारा है. फिलहाल, इस सीट पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी लोकसभा सांसद हैं. वहीं, BJP ने इस सीट से माधवी लता को टिकट देकर महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी पेश की है.
आपको बता दें कि जिस माधवी लता को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है वो पेशे से एक डॉक्टर हैं. डॉ. माधवी विरिंची हॉस्पिटल की चेयरपर्सन हैं. हिंदुत्व को लेकर अपने विचार और बयानों से वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं. अस्पताल की चेयरपर्सन होने के अलावा माधवी भरतनाट्यम डांसर भी हैं. उन्हें भारतीय नृत्य कला में बचपन से ही रुचि रही है.
सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहती हैं माधवी लता
अपने क्षेत्र हैदराबाद में वह सामाजिक कार्यों में भी काफ़ी सक्रिय रहती हैं. माधवी लता (Madhavi Lata) लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट और लतामा फाउंडेशन की हेड भी हैं. अगर उनकी शिक्षा की बात करें तो उन्होंने कोटी महिला कॉलेज से राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की है.
प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों की माधवी लता की तारीफ़?
बीते रविवार 7 अप्रैल को PM मोदी (PM Narendra Modi) ने माधवी लता की तारीफ़ की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ के माध्यम से तारीफ़ करते हुए कहा, "माधवी लता जी, आपका 'आप की अदालत' एपिसोड असाधारण है. आपने बहुत ठोस मुद्दे उठाए हैं और तर्क और जुनून के साथ ऐसा किया है. आपको मेरी शुभकामनाएं."
क्या असरुद्दीन ओवैसी को टक्कर दे पाएगी BJP?
ग़ौरतलब है कि इस सीट से साल 2019 में भाजपा के भगवत राव ने चुनाव लड़ा था. हालाँकि, वह ओवैसी से भारी मतों के अंतर से हार गये थे. अबकी बार भाजपा ने हैदराबाद से महिला प्रत्याशी पर दांव खेला है. BJP के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना थोड़ा मुश्किल है. इस सीट के जातीय समीकरण पर नज़र डालें तो यहाँ का मुस्लिम परिवार का अधिकतम वोट ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को मिलता है. वहीं, हिंदू और अन्य जातियों का वोट बंट जाता है, जिसका फ़ायदा AIMIM को मिलता है. लिहाज़ा इस सीट पर भाजपा की क़िस्मत तभी चमक सकती है जब अधिक संख्या में मुस्लिम वोट BJP के कमल छाप पर जाये!
