सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ एवं एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालय, कानपुर के संयुक्त प्रयासों से उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संबोधित किया और कहा कि सीएसआईआर-सीमैप औषधीय एवं सगंध पौधों के शोध एवं विकास कार्य कर रहा है। इसी क्रम में संस्थान द्वारा औषधीय एवं सगंध पौधों को प्रयोग कर विभिन्न हर्बल उत्पादों को निर्मित किया गया है।
उन्होने प्रतिभागियों से निवेदन किया कि इन फसलों की खेती के साथ-साथ वैल्यू-एडिशन मे भी काम करें। उन्होंने यह भी बताया कि औषधीय एवं सगंध पौधों के व्यापार मे आगे बढ्ने की अपार संभावनाएं हैं, सीएसआईआर-सीमैप द्वारा विकसित तकनीकों पर आधारित हर्बल उत्पादों को सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ मे स्थित इंक्यूबेसन फेसीलिटी से निर्माण कर बाजार मे बिक्री कर सकते हैं।डॉ. संजय कुमार, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं संस्थान की गतिविधियों तथा प्रदत्त सेवाओं के बारें में जानकारी दी ।
डॉ. आर. के. श्रीवास्तव, प्रमुख, व्यापार विकास ने प्रतिभागियों का स्वागत किया एक दिवसीय प्रशिक्षण के मध्य होने वाली गतिविधियों तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण/उद्यमिता विकास के बारें मे प्रतिभागियों को जानकारी दी। डॉ. श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को सीएसआईआर-सीमैप के प्रौद्योगिकी एवं उनके तकनीकी हस्तांतरण के विषय में बताया। उन्होने संस्थान के इंक्यूबेसन केंद्र के बारे मे भी बताया तथा उद्योग प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि आप सभी लोग टीबीआईसी का उपयोग करें।
कार्यक्रम मे आरबीआई, लखनऊ से पधारे श्री राकेश दुबे ने उद्यम शुरू करने के लिए सरलता से लोन प्राप्त कैसे प्राप्त करें तथा बैंक द्वारा प्रदत्त सेवाओं के बारें मे बताया। श्रीमती आनंदी अग्रवाल, आईआईए, चेयरपर्सन महिला सेल ने महिलाओं को उद्यमिता के ओर बढ़ावा देने तथा एक जिला व एक उत्पाद परियोजना की वकालत की तथा इस तरह के कार्यक्रम करते रहने के लिए आहवाहन किया।श्री वी.के. वर्मा, संयुक्त निदेशक, एम.एस.एम.ई., डी.एफ़.ओ., कानपुर ने एम.एस.एम.ई. कि योजनाओं के बारें में बताया तथा सीमैप के साथ और कार्यक्रम कराने का अनुरोध किया। उन्होने बताया कि एमएसएमई, उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश तभी बनेगा जब यहाँ से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।