डॉन से लेखक बने अग्नि श्रीधर ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पीटने, द्रविड़ आर्मी बनाने की अपील की

बेंगलुरु, 11 जून (आईएएनएस)। अंडरवल्र्ड डॉन से लेखक बने अग्नि श्रीधर ने हाल ही में सोशल मीडिया बयानों में हर गांव और कस्बे में द्रविड़ आर्मी शुरू करने और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का धर्म परिवर्तन करने या उन्हें पीटने की बात कहकर कर्नाटक में विवाद खड़ा कर दिया है।
डॉन से लेखक बने अग्नि श्रीधर ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पीटने, द्रविड़ आर्मी बनाने की अपील की
बेंगलुरु, 11 जून (आईएएनएस)। अंडरवल्र्ड डॉन से लेखक बने अग्नि श्रीधर ने हाल ही में सोशल मीडिया बयानों में हर गांव और कस्बे में द्रविड़ आर्मी शुरू करने और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का धर्म परिवर्तन करने या उन्हें पीटने की बात कहकर कर्नाटक में विवाद खड़ा कर दिया है।

कन्नड़ अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता चेतन कुमार ने रविवार को अग्नि श्रीधर के बयानों की निंदा की। उन्होंने कहा, अग्नि श्रीधर कहते हैं हर शहर में द्रविड़ टीम शुरू करो, सभी बजरंग दल के लड़कों को धर्मातरित करो - या उन्हें मारो। हालांकि मैं फिल्मों में ब्रेक के लिए श्रीधर का आभारी हूं, मैं हिंसा के लिए उनके उकसावे का कड़ा विरोध करता हूं। क्या हम (पूर्व) अंडरवल्र्ड डॉन से सामाजिक औचित्य और अहिंसा की उम्मीद कर सकते हैं?

चेतन कुमार ने पाठ्य पुस्तक संशोधन विवाद तथा आरडीपीआर और आईटी एवं बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे के बयानों पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मंत्री प्रियांक खड़गे ने दक्षिणपंथी विचारक चक्रवर्ती सुलिबेले को शहीद भगत सिंह की मैं नास्तिक क्यों हूं किताब पढ़ने का सुझाव दिया। यह विडंबना है कि प्रियांक खड़गे ने भगवान के नाम पर शपथ ली।

अग्नि श्रीधर अपनी प्रगतिशील सोच के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने कर्नाटक में आरएसएस के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए चुनावों से पहले राष्ट्रीय द्रविड़ संघ (आरडीएस) की शुरुआत की। अग्नि श्रीधर, जो आरडीएस के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा था कि जैन समुदाय के कुछ लोग विदेशों में गोमांस निर्यात करके सालाना 40,000 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले, गोमांस निर्यात उद्योग में मुस्लिम समुदाय की बड़ी हिस्सेदारी थी। इस क्षेत्र में मुसलमानों को पीछे धकेलने के लिए भाजपा और आरएसएस ने गौहत्या विरोधी अधिनियम बनाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विवाद के पीछे जैन समुदाय का हाथ है; और यह कि अमीर मुसलमान गोमांस नहीं खाते हैं, यह गोमांस को मुस्लिम भोजन के रूप में चित्रित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि दलित और ईसाई भी गोमांस खाते हैं, जिस पर चर्चा नहीं की जाती।

--आईएएनएस

एकेजे

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