Mahadasha calculator कुंडली मे क्या देख कर वर्तमान की स्थिति का बिल्कुल सटीक आकलन करते हैं ज्योतिषी 

Kundli me grahon ki maharashtra me fal

Grah gochar 2022 कई बार देखा जाता है कि कुंडली में शुभ ग्रह होने के बावजूद अपना असर नहीं दिखाते हैं और व्यक्ति परेशान ही रहता है इस बारे में ज्योतिषाचार्य आचार्य विमल त्रिपाठी से चर्चा किए जाने पर उन्होंने बताया कि जब ग्रह महादशा अंतर्दशा में होते हैं तो उनका असर उस समय तत्काल दिखता है क्योंकि वह पूरे पावर में रहते हैं और यही कारण है कि कुंडली में वर्तमान समय का विचार करने के लिए दो चीजों का विचार करना बहुत ही आवश्यक है जिसमें कुंडली में जन्म के समय ग्रहों की क्या स्थिति थी और वर्तमान में किस ग्रह की महादशा और अंतर्दशा चल रही है और उसके वजह से तत्काल वर्तमान में कैसी स्थिति चल रही है.

ज्योतिष द्वारा बिल्कुल सटीक आकलन किया जा सकता है और यही कारण है कि उस समय चल रही महादशा अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा के जो भी ग्रह होते हैं उसकी स्थिति जन्म के समय क्या थी इस बात को देखते हुए ज्योतिषियों द्वारा वर्तमान के समय का आकलन किया जाता है आचार्य विमल त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि अगर शुभ ग्रह होते हैं तो वर्तमान में समय अच्छा होता है सुविधा प्रदान करते हैं परंतु अगर कुंडली में जन्म के समय वह ग्रह अशुभ है जिसकी इस समय महादशा अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा चल रही है तो वह ऐसे परिणाम देते हैं जिस को अच्छा नहीं माना जाता है।

कुंडली मे महादशा से क्या देखते हैं ?

ज्योतिष में कुंडली की गणना करते समय नौ ग्रहों की गणना की जाती है जिसमें सूर्य चंद्र बृहस्पति शुक्र मंगल बुध शनि मुख्य रूप से ग्रह माने जाते हैं और राहु केतु को छाया ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है राहु केतु को कहा जाता है कि उनका अपना कोई भी अस्तित्व नहीं होता है यह जिस भी ग्रह में होते हैं उसी के अनुसार यह व्यवहार करने लगते हैं।
शुभ और अशुभ ग्रहों की गणना करने पर सूर्य और मंगल को क्रूर ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है जबकि शनि राहु व केतु को पापक ग्रह माना जाता है।

कौन से ग्रह शुभ और अशुभ होते हैं 

 बृहस्पति शुक्र और बुध ग्रह को शुभ ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है चंद्रमा के बारे में कहा जाता है कि पूर्ण चंद्रमा शुभ माना जाता है और वही चंद्रमा जब कृष्ण पक्ष का होता है तो उसको अच्छा नहीं माना जाता है।

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