Ram katha- माता पिता के चरणों में ही हैं चारों धाम: विजय कौशल महाराज
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
खरगूपुर गोंडा। श्री रामकथा प्रवचन के दूसरे दिन संगीतमय भजन को सुनकर कथा श्रवण का लाभ ले रहे श्रोता झूम उठे।बेंदुली में चल रही श्री राम कथा में श्री विजय कौशल महाराज ने कहा कि माता-पिता के चरणों में सभी आशीर्वाद है।माता-पिता के चरणों मे ही चारो धाम है।गुरु की महिमा बताते हुए महाराज जी ने कहा कि गुरु के सानिध्य में भक्ति होती है।भक्ति गुरुकृपा से प्राप्त होती है।गुरु हमारे साथ न हो पास जरूर रहना चाहिए।पास और साथ मे फर्क होता है।साथ मतलब शारीरिक रूप से करीब और पास मतलब मन में,ध्यान में रखना और जो गुरु के सानिध्य में रहते है उनका हर कार्य सफल होता है।उन्होंने कहा कहा कि हमें सुनना सीखना चाहिए हमारी दृष्टि बहुत ऊंची होनी चाहिए।हमारे बेटे और बेटियां क्या कर रहे हैं.
इसके बारे में हमें जरूर सोचना चाहिए।परिवार की सुनकर ही परिवार को रामराज्य की तरह बनाया जा सकता है।जो मुखिया परिवार की नहीं सुनता,जो नेता अपने सहयोगियों की नहीं सुनता,इसी तरह जो सरकारें जनता की नहीं सुनती।उन्हें विद्रोह का सामना करना पड़ता है।इसी प्रकार जिस घर का मुखिया परिवार की नहीं सुनता वहां विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।हमें कदम बढ़ाने से पहले पूरी तरह सोच-विचार कर आगे बढ़ना चाहिए।जो जल्दबाजी बहुत करते हैं।उनके सभी रास्ते मुश्किल के हो जाते हैं।कथा में होने वाली ज्ञान की बातें हमारे जीवन के आचरण और व्यवहार में दिखाई देनी चाहिए।समाज के निर्धारित आचरणों को हमें स्वीकार करना चाहिए।इस दौरान स्वयं प्रकाश शुक्ल,विवेक शुक्ल,राजेश दूबे,सुरेश नारायण पाँडेय,सरस चंद्र शुक्ल,वेद प्रकाश मिश्र,सोनू मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।