Fasting rules जो महंगी दवाएं नही कर सकती वह उपवास कर सकता है, व्रत उपवास के फायदे और जानिए उपवास क्यों रखा जाता है ?

आप सभी सनातन धर्म प्रेमियों को सादर प्रणाम आज आपको उपवास रखने के धार्मिक एवं वैज्ञानिक रहस्य से अवगत करा रहे हैं।
हिंदू धर्म में एकमात्र ऐसा धर्म है जो पूर्णतया वैज्ञानिकता को सिद्ध करता है हिंदू धर्म में वैदिक ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से जो भी उपाय बताए जाते हैं उनके पीछे अवश्य ही कोई वैज्ञानिक कारण होता है।
उपवास का अर्थ पांच ज्ञानेंद्रियों और पांच कर्मेंद्रियों पर नियंत्रण से है। आध्यात्मिक उपवास की चर्चा यजुर्वेद के कर्मकांड में भी की गई है।
उपवास रखना धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक होता है। सनातन धर्म में व्यक्ति अक्सर श्रद्धा, भक्ति,अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु उपवास रखते आ रहे हैं। हिंदू धर्म में विशेष तिथि, वार एवं पर्व पर उपवास रखने का का नियम है। उपवास रखने से मानसिक शांति प्राप्त होती है एवं शरीर एक विशेष शक्ति की अनुभूति करता है।
यदि हम हिंदू धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें तो हमें उपवास के धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों का पता चलेगा। आप सभी ने भगवत गीता का पाठ किया होगा। भगवत गीता के अनुसार हमारा व्यवहार, विचार, भोजन और जीवनशैली इन तीनों प्रवृत्तियों पर आधारित होती है। 1–सत्व 2–रजस 3– तमश।
1– सात्विक विचारों वाला व्यक्ति निश्चिंत एवं शांत स्वभाव का होता है और सृजनशील भी होता है।
2– यदि बात की जाए राजसी विचारों वाला व्यक्ति महत्वाकांक्षी होने के साथ-साथ लालची प्रवृत्ति का भी होता है।
3– वही तामसिक प्रवृत्ति का व्यक्ति न सिर्फ नकारात्मक विचारों से ओतप्रोत होता है अपितु अनुचित कार्यों में संलग्न रहता है।
सात्विक विचारों से श्रेष्ठ व्यक्ति बनने का मार्ग प्रशस्त होता है। हम सभी सत्व *रजस एवं तमस* के बीच झूलते रहते हैं हमारा झुकाव राजस्व और तामसिक प्रवृत्तियों की ओर अधिक होता है।
इसके लिए आवश्यक है कि हम स्वयं को संयमित एवं संतुलित रखना सीखे। इसका एक प्रभावी उपाय है व्रत/उपवास।
*व्रत उपवास रखने का वैज्ञानिक कारण*
*व्रत/उपवास का वैज्ञानिक महत्व*
व्रत उपवास रखने के धार्मिक कारणों के पीछे वैज्ञानिक रहस्य छुपे हुए हैं। *उपवास को धार्मिक विषय मानकर कुछ लोग उपवास का उपहास करते हैं* शायद उन्हें इस बात का भान नहीं की उपवास में रोग मुक्ति तथा दीर्घायु प्राप्त की चमत्कारी क्षमताएं होती हैं।
उपवास के फायदे
उपवास रखने से न केवल मन अपितु मन के विकारों को दूर भी किया जा सकता है। विकार ग्रस्त व्यक्ति का व्यक्तित्व बदलने लगता है। उपवास से मानसिक अवसाद दूर किए जा सकते हैं।
शरीर के पाचन तंत्र में पाए जाने वाले तरह-तरह के जीवाणु से लेकर कोशिकाओं में होने वाली चयापचय क्रिया (जिसे मेटाबॉलिज्म कहा जाता है) एवं रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) को स्वस्थ/ दुरुस्त किया जा सकता है। उपवास रखने से अनेक तरह की रोगों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है उपवास श्वसन तंत्र स्वच्छ रहता है, हृदय और रक्त संचार की बीमारियां नहीं होती, उदर एवं आंत्र विकारों से बचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त वजन कम करने हेतु भी उपवास का विशेष योगदान रहता है।
व्रत या उपवास क्यों रखा जाता है ?
हम सभी का प्रयास रहना चाहिए सप्ताह में 1 दिन उपवास रख स्वास्थ्य लाभ लें। जिन जातकों को का शरीर पूर्णतया निर्जला उपवास रखने में सहयोग नहीं देता वह तरल पेय पदार्थ उपवास के दौरान फलों से बना जूस इत्यादि ले सकते हैं।
उपवास रखने से ब्लड प्रेशर ,कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल होता है और मेटाबोलिज्म भी सही होता है इस कारण से जो भी खाया जाता है वह पच जाता है ।
व्रत के नियम
व्रत के दिन स्नान करके मंदिर में हाथ में जल लेकर संकल्प लें और अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए संकल्प लेने के बाद जल को तुलसी के पौधे में डाल दें।
स्त्रियों को पीरियड्स के समय व्रत नही रखना चाहिए ।
व्रत के दौरान पूरे दिन केवल सात्विक भोजन ही लें हो सके तो फल और जूस का ही सेवन करें ।
लोग व्रत उपवास क्यों रखते हैं ?
ईश्वर की आराधना करने और मनोकामना की पूर्ति के लिए व्रत उपवास रखा जाता है और मान्यता यह है कि सात्विक होकर भगवान का ध्यान करने वालों को भगवान की कृपा प्राप्त होती है जिससे जिस मनोकामना की पूर्ति के लिए व्रत रखा गया है वह पूरा होता है ।
इनपुट ज्योतिषाचार्य मंजू जोशी
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