हिन्दू संवत्सर चैत्र नवरात्रि को क्यों मनाया जाता है ? क्या है इसके कारण
Mar 31, 2022, 17:07 IST
*नव संवत्सर 2079*
आप सभी सनातन धर्म प्रेमियों को हिंदू नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं। आपको अवगत कराना चाहेंगे दिनांक 2 अप्रैल 2022 शनिवार को हिंदू नव वर्ष एवं नवरात्रि का प्रारंभ होगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी द्वारा इसी दिन से सृष्टि का निर्माण प्रारंभ किया गया था।
हिंदू रीति रिवाज एवं पर्वों के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण अवश्य होता है चैत्र माह में नव वर्ष मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण यह रहता है इस समय प्रकृति का नव निर्माण होता है पतझड़ समाप्त होकर बसंत ऋतु के आगमन से प्रकृति हरी भरी हो जाती है चारों तरफ सुंदर पुष्प एवं हरियाली देखने को मिलती है। इसके अतिरिक्त नव वर्ष से प्रकृति एवं धरती का एक चक्र पूरा होता है धरती सूर्य का एक चक्कर पूर्ण करती है ।
हिंदू नव संवत्सर के साथ ही नवरात्रि प्रारंभ होती हैं। इस वर्ष संवत्सर का नाम *नल* होगा जिसमें *शनि देव* राजा एवं *देव गुरु बृहस्पति* मंत्री होंगे।
*नल नाम संवत्सर होने से* विश्व में अग्नि एवं युद्ध का भय बना रहेगा महंगाई बढ़ेगी, राजाओं/ सरकार में बैर भाव रहेगा। *नल* नाम संवत्सर में पैदा हुए जातक अति बुद्धिमान होंगे एवं जल से संबंधित कारोबार में निपुण, धनार्जन करने में सफल रहेंगे।
*राजा शनि*
न्यायाधीश शनि के वर्ष के राजा होने से सभी जातकों को कर्मों के अनुसार ही फल देंगे शनि राजा होने से विश्व में अग्नि का भय, रोग, कष्ट, वैश्विक युद्ध, राजा/ सरकार के बीच मतभेद, जनहानि, भूकंप, वर्षा, उपद्रव, धन हानि, प्राकृतिक प्रकोपों से प्रजा को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मौद्रिक नीति में परिवर्तन देखने को मिलेगा। व्यापार में कोयला, लोहा, लकड़ी, स्टील के मूल्य में वृद्धि देखने को मिलेगी।
*मंत्री गुरु*
इस वर्ष मेष संक्रांति गुरुवार को होने से देव गुरु बृहस्पति को मंत्री पद प्राप्त। देवगुरु के मंत्री होने से किसानों को विशेष लाभ प्राप्त होगा। अनाज की अच्छी पैदावार देखने को मिलेगी। अच्छी वर्षा के साथ ही प्रगति के लिए अच्छा वातावरण बनने की संभावना है। देवगुरु के प्रभाव से शासन की नई योजनाओं से लोगों को प्रसन्नता रहने के साथ ही तेल, घी, हल्दी, केसर, अरहर, गेहूं, कपास आदि फसलों की अच्छी पैदावार से जनता लाभ प्राप्त करेगी। इसके अतिरिक्त सोना खरीदना सभी के लिए सुविधाजनक रहेगा। इसके अतिरिक्त गुरु मंत्री होने से विद्यार्थी वर्ग शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
*(राजा शनिदेव एवं मंत्री देवगुरु बृहस्पति दोनों की प्रवृत्ति भिन्न होने के कारण राष्ट्रीय एवं वैश्विक नीति नियंताओं में असमंजस की स्थिति रहेगी*।)
*अतिरिक्त ग्रहों को पदभार*
1–सूर्य देव को सस्येश का पद।
2–बुधदेव को दुर्गेश,मेघेश का पद । 3–धनेश,नीरसेश का पद शनिदेव को।
4– चंद्र देव को रसेश का पद। 5–शुक्रदेव को धान्येश का पद।
6–मंगल देव फलेश (फलों) का पद।
*वर्ष में चार ग्रहण*
वर्ष में चार ग्रहण पड़ेंगे जिसमें दो सूर्य ग्रहण एवं दो चंद्रग्रहण होंगे।
*वर्ष में प्रथम सूर्य ग्रहण दिनांक 30 अप्रैल 2022 खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा*।
*16 मई 2022 अगस्त पूर्ण चंद्र ग्रहण रहेगा*।
*25 अक्टूबर 2022 को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण पड़ेगा*।
*8 नवंबर 2022 को वर्ष का अंतिम एवं दूसरा चंद्रग्रहण रहेगा*। नवरात्र विशेष अगले अंक में पढ़ें।
*ज्योतिषाचार्य मंजू जोशी*
आप सभी सनातन धर्म प्रेमियों को हिंदू नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं। आपको अवगत कराना चाहेंगे दिनांक 2 अप्रैल 2022 शनिवार को हिंदू नव वर्ष एवं नवरात्रि का प्रारंभ होगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी द्वारा इसी दिन से सृष्टि का निर्माण प्रारंभ किया गया था।
हिंदू रीति रिवाज एवं पर्वों के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण अवश्य होता है चैत्र माह में नव वर्ष मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण यह रहता है इस समय प्रकृति का नव निर्माण होता है पतझड़ समाप्त होकर बसंत ऋतु के आगमन से प्रकृति हरी भरी हो जाती है चारों तरफ सुंदर पुष्प एवं हरियाली देखने को मिलती है। इसके अतिरिक्त नव वर्ष से प्रकृति एवं धरती का एक चक्र पूरा होता है धरती सूर्य का एक चक्कर पूर्ण करती है ।
हिंदू नव संवत्सर के साथ ही नवरात्रि प्रारंभ होती हैं। इस वर्ष संवत्सर का नाम *नल* होगा जिसमें *शनि देव* राजा एवं *देव गुरु बृहस्पति* मंत्री होंगे।
*नल नाम संवत्सर होने से* विश्व में अग्नि एवं युद्ध का भय बना रहेगा महंगाई बढ़ेगी, राजाओं/ सरकार में बैर भाव रहेगा। *नल* नाम संवत्सर में पैदा हुए जातक अति बुद्धिमान होंगे एवं जल से संबंधित कारोबार में निपुण, धनार्जन करने में सफल रहेंगे।
*राजा शनि*
न्यायाधीश शनि के वर्ष के राजा होने से सभी जातकों को कर्मों के अनुसार ही फल देंगे शनि राजा होने से विश्व में अग्नि का भय, रोग, कष्ट, वैश्विक युद्ध, राजा/ सरकार के बीच मतभेद, जनहानि, भूकंप, वर्षा, उपद्रव, धन हानि, प्राकृतिक प्रकोपों से प्रजा को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मौद्रिक नीति में परिवर्तन देखने को मिलेगा। व्यापार में कोयला, लोहा, लकड़ी, स्टील के मूल्य में वृद्धि देखने को मिलेगी।
*मंत्री गुरु*
इस वर्ष मेष संक्रांति गुरुवार को होने से देव गुरु बृहस्पति को मंत्री पद प्राप्त। देवगुरु के मंत्री होने से किसानों को विशेष लाभ प्राप्त होगा। अनाज की अच्छी पैदावार देखने को मिलेगी। अच्छी वर्षा के साथ ही प्रगति के लिए अच्छा वातावरण बनने की संभावना है। देवगुरु के प्रभाव से शासन की नई योजनाओं से लोगों को प्रसन्नता रहने के साथ ही तेल, घी, हल्दी, केसर, अरहर, गेहूं, कपास आदि फसलों की अच्छी पैदावार से जनता लाभ प्राप्त करेगी। इसके अतिरिक्त सोना खरीदना सभी के लिए सुविधाजनक रहेगा। इसके अतिरिक्त गुरु मंत्री होने से विद्यार्थी वर्ग शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
*(राजा शनिदेव एवं मंत्री देवगुरु बृहस्पति दोनों की प्रवृत्ति भिन्न होने के कारण राष्ट्रीय एवं वैश्विक नीति नियंताओं में असमंजस की स्थिति रहेगी*।)
*अतिरिक्त ग्रहों को पदभार*
1–सूर्य देव को सस्येश का पद।
2–बुधदेव को दुर्गेश,मेघेश का पद । 3–धनेश,नीरसेश का पद शनिदेव को।
4– चंद्र देव को रसेश का पद। 5–शुक्रदेव को धान्येश का पद।
6–मंगल देव फलेश (फलों) का पद।
*वर्ष में चार ग्रहण*
वर्ष में चार ग्रहण पड़ेंगे जिसमें दो सूर्य ग्रहण एवं दो चंद्रग्रहण होंगे।
*वर्ष में प्रथम सूर्य ग्रहण दिनांक 30 अप्रैल 2022 खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा*।
*16 मई 2022 अगस्त पूर्ण चंद्र ग्रहण रहेगा*।
*25 अक्टूबर 2022 को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण पड़ेगा*।
*8 नवंबर 2022 को वर्ष का अंतिम एवं दूसरा चंद्रग्रहण रहेगा*। नवरात्र विशेष अगले अंक में पढ़ें।
*ज्योतिषाचार्य मंजू जोशी*