30 वर्षों बाद शनि-मंगल की युति से बनेगा समसप्तक योग, कुछ राशियों के लिए शुभ तो कुछ के लिए अशुभ
After 30 years, the conjunction of Saturn and Mars will create Samsaptaka Yoga, auspicious for some zodiac signs and inauspicious for others
Thu, 24 Jul 2025
28 जुलाई को ग्रहों की बदलती चाल कई राशियों के जीवन में लाएगी बड़ा परिवर्तन। इस दिन लगभग तीन दशकों के बाद एक विशेष ज्योतिषीय संयोग — समसप्तक योग का निर्माण होगा। यह प्रभावशाली योग शनि और मंगल की युति से बनेगा, जो वैदिक ज्योतिष में अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
इस दिन मंगल, बुध की स्वराशि कन्या में गोचर करेंगे, वहीं शनि देव मीन राशि में स्थित रहेंगे। यह स्थिति दो ग्रहों के बीच 180 डिग्री के कोण — समसप्तक स्थिति — को दर्शाती है। ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि इस योग के प्रभाव से कुछ राशियों को मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान हो सकता है, जबकि कुछ को लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
किस राशि पर क्या पड़ेगा असर?
मेष राशि
मंगल छठे भाव में और शनि बारहवें भाव में होने के कारण इस राशि के जातकों को अनावश्यक खर्च और तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव भी देखा जा सकता है। इस दौरान शनि और मंगल के मंत्रों का जाप करना लाभकारी रहेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए यह योग व्यवसाय और नौकरी में अस्थिरता ला सकता है। कर्मचारियों को कार्यस्थल पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, विशेषकर जब शनि वक्री हो। इस समय नौकरी परिवर्तन से बचना चाहिए और धैर्य रखना लाभकारी रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि में इस समय सूर्य का गोचर और केतु के साथ युति के कारण निजी जीवन में तनाव बढ़ सकता है। राहु आठवें भाव में और मंगल तीसरे भाव में होने से विवाहिक जीवन में मतभेद और पारिवारिक कलह की स्थिति बन सकती है। इस अवधि में संयम और संवाद बनाए रखना अत्यंत आवश्यक होगा।
कैसा होता है समसप्तक योग?
ज्योतिष के अनुसार, समसप्तक योग तब बनता है जब दो ग्रह एक-दूसरे से ठीक 180 डिग्री की दूरी पर होते हैं। यह स्थिति उन्हें आमने-सामने लाकर खड़ा कर देती है, जिससे उनका प्रभाव दोगुना हो जाता है। इस योग को आमतौर पर अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह द्वंद्व, मानसिक भ्रम, और असंतुलन उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, कुछ राशियों के लिए यह साहस, निर्णय और विकास के नए अवसर भी दे सकता है।
