अपरा एकादशी 23 मई शुक्रवार को होगी:इस्कॉन
शास्त्रसम्मत व्रत की विधि पर प्रकाश
श्री प्रभुजी ने बताया कि वैदिक शास्त्रों के अनुसार, द्वादशी तिथि युक्त एकादशी व्रत को ही प्रधान माना गया है। इस दिन किसी भी प्रकार का अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए, जिसमें केवल चावल ही नहीं, बल्कि सभी प्रकार के अनाज शामिल हैं।
व्रत रखने के कई तरीके हैं, जिन्हें व्यक्ति अपनी शक्ति, स्वास्थ्य और श्रद्धा के अनुसार अपना सकता है:
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निर्जल व्रत (बिना जल के)
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सिर्फ जल ग्रहण कर
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केवल फल खाकर
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या फिर एकादशी प्रसाद के माध्यम से
श्री प्रभुजी ने यह भी बताया कि केवल व्रत करना ही नहीं, बल्कि अगले दिन पारण (व्रत खोलना) भी उतना ही जरूरी और शुभ होता है, और इसे निर्धारित समय पर करना चाहिए।
व्रत पारण का समय:
शनिवार, 24 मई 2025
प्रातः 5:14 बजे से 9:47 बजे तक
इस्कॉन मंदिर द्वारा भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे व्रत की शुद्धता को ध्यान में रखते हुए शास्त्रों के अनुसार नियमों का पालन करें और इस पावन दिन पर हरि नाम संकीर्तन, जप, पूजा और सत्संग में भाग लें।
