राम भजनों से गूंज रही है अयोध्या
भगवान के चरण पखारने और उतराई लेने से मना करने के प्रसंग को कलाकारो ने जीवन्त कर दिया
मंच के पार्श्व में प्रसंगों के साथ बदलते दृश्य प्रस्तुति को प्रभावी बना रहे थे।भगवान के चरण पखारने और उतराई लेने से मना करने के प्रसंग को कलाकारो ने जीवन्त कर दिया। दूसरी प्रस्तुति में बलिया से आई लोक गायिका अनुभा राय ने अपने सुरीले अंदाज में रमही राम रटन लगी जिभिया जैसे गया अवधी की मिठास पूरे पांडाल में फैल गई और श्रद्धालु मंच के स्वर में स्वर मिला कर साथ देने लगे।इसके बाद अनुभा राय ने विवाह,विदाई,समेत एक के बाद कई भजन सुना कर सभी को विभोर कर दिया।तालियों की गूंज में असम से आए दल ने दीपशिखा के निर्देशन में मंच पर भगवान कृष्ण की लीला, कालिया मर्दन पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया।
कलाकारो का शास्त्रीयता में पगा नृत्य और अभिनय मंच पर साक्षात यमुना किनारे का वातावरण बना रहा था।प्रस्तुति के समाप्त होते ही दर्शकों ने जय जय सियाराम के उद्घोष से पंडाल को गूंजा दिया। पंजाबी भांगड़ा के लिए ढोल लिए जैसे ही कलाकारो ने मंच पर प्रवेश किया सामने दर्शक अपनी जगह पर ही नाचने लगे।लयबद्ध तरीके से थिरकते हुए भांगड़ा के कलाकारो ने अपनी अगली प्रस्तुति पंजाब का लोक नृत्य जेनुआ भी किया l
गुजरात के डांगी लोकनृत्य में स्त्रियों ने अपने आश्चर्यजनक करतब दिखा कर एक दूसरे के ऊपर खड़े होकर पिरामिड बनाकर जैसे ही जय श्रीराम कहा पूरे वातावरण में एक रोमांच भर गया। ढलती हुई रात में भारी संख्या में बैठे दर्शकों के सामने पश्चिम बंगाल से आए दल ने प्रो.हरे कृष्णा के दल ने अपनी प्रस्तुति दी। वाध्ययंत्रो से पारंपरिक बोल और पढ़न्नत के बाद बारी आई भजनों की तो प्रियंका के गाए भजन अवध में राम आए है, सावली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया,काली कमली वाला मेरा यार है पर सभी उठ कर नृत्य करने लगे । कलाकारो के साथ मंच पर पैड और श्रीखोल पर रंजीता का वादन एक अलग आकर्षण पैदा कर रहा है वहीं कीबोर्ड पर पार्वती,बांसुरी पर उपेन विश्वास और बैंजो पर सुभाष बर्मन ने संगत किया। कार्यक्रम अधिकारी अजय गुप्ता,पुन्य प्रकाश,अमित श्रीवास्तव,समेत संतजन और दर्शक मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने अपने अंदाज में किया।