बुधवार विशेष: यहां जानिए बुधवार का व्रत किसे करना चाहिए, मिलते हैं ये लाभ
बुधवार (budhwar) का दिन गणेश (Ganesha) जी का होता है। वो सभी देवताओं में सबसे प्रिय हैं, इसलिए उनकी पूजा सभी देवताओं से पहले की जाती है। उनकी पूजा-अर्चना (Worship) करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। जानकार मानते हैं कि अगर बुधवार के दिन कुछ उपाय (budhwar ke upay) किये जाए तो बुध ग्रह (budh Grah) का अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा ज्योतिष (jyotish) के मुताबिक बुधवार (budhvar) की प्रकृति चर और सौम्य होती है। यहां चर का मतलब चलायमान से, जो की स्थिर नहीं होता। बुधवार (budhwar) का ग्रह बुध (budh) को माना गया है। आगे जानते हैं कि किसे बुधवार का व्रत (budhwar ka vrat) रखना चाहिए...
ज्योतिष (jyotish) के मुताबिक अगर बुध ग्रह (budh grah) आपकी कुंडली (kundali) के आठवें भाव में होकर नीच का बैठा है, तो ऐसे में आपको बुधवार का व्रत (budhwar ka vrat) करना लाभकारी होगा।
कन्या (Virgo) और मिथुन राशि (Gemini Zodiac) के स्वामी बुध के सूर्य, शुक्र और राहु मित्र, चंद्र शत्रु और मंगल, गुरु, शनि और केतु सम। यदि बुध ग्रह शत्रु ग्रह के साथ बैठा है तो भी बुधवार का व्रत धारण कर सकते हैं।
दरअसल गुरु (guru) और राहु (rahu) मिलकर बुध का रूप धारण कर लेते हैं. जिसे ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) में चांडाल योग कहते हैं। मंगल (Mangal) और बुध (Budh) मिलकर भी शनि का रूप ले लेते हैं, लेकिन फल केतु (Ketu) के समान ही मानी जाती है। सूर्य (Surya) और बुध (Budh) मिलकर नकली मंगल (Mars) नेक का रूप ले लेता है यानि उच्च का मंगल बन जाते हैं। बुध (budh) और शुक्र (shukra) मिलकर नकली सूर्य का रूप धारण कर लेते हैं। बुध (budh grah) यदि केतु (ketu) और मंगल (mangal) के साथ है तो मंदा फल मिलता है। शत्रु ग्रहों से ग्रसित बुध (budh) का फल मंदा ही रहता है। यदि बुध (budh) मंद हो रहा है तो भी बुधवार का व्रत (budhwar ka vrat) कर सकते हैं।
ज्योतिष (jyotish) की मानें तो बुध (budh grah) की विशेषता है कि यह यदि मंदा है तो नौकरी या व्यापार में नुकसान करेगा। संभोग की शक्ति क्षीण कर देता है। इसीलिए बुधवार का व्रत (budhwar ka vrat) रख सकते हैं। खासकर व्यापारी वर्ग के जातकों को बुधवार का व्रत धारण (budhwar ka vrat) करना चाहिए
शरीर के अंग दिमाग का ढांचा, जीभ, दांत, नाड़ियां, नाक का सिरा खराब होना यानि बुध का मंदा असर माना जाता है। बुध ग्रह यदि कमजोर है तो लाल किताब के अनुसार सूंघने की शक्ति क्षीण हो जाती है और जातक तुतलाने लगता है। समय पूर्व ही दांत खराब हो जाते हैं। मित्र से संबंध बिगड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में भी बुध के उपाय करते हुए बुधवार का व्रत रख सकते हैं।
बुध के मकान के चारों ओर खाली जगह होती है। हो सकता है कि यह मकान सभी मकानों से अलग अकेला ही हो। मकान के साथ चौड़े पत्तों के वृक्ष होंगे। गुरु और चंद्र के वृक्ष के साथ न होगा और अगर हुआ तो वह घर बुध की दुश्मनी का पुख्ता प्रमाण माना जाएगा। यदि ऐसी स्थिति है तो बुध के उपाय करने के साथ ही बुधवार का व्रत रख सकते हैं।
कमजोर मस्तिष्क वालों को बुधवार के दिन उपवास रखना चाहिए, क्योंकि बुधवार का दिन बुद्धि प्राप्ति का दिन होता है। बुद्धवार के व्रत से बुध ग्रह की शांति तथा धन, विद्या और व्यापार में वृद्धि होती है।
बुध दोष के कुछ खास उपाय (budh dosh ke upay)
गणपति को मोदक बेहद पसंद है, ये तो आप जानते ही हैं। अगर आप बुधवार के दिन शिव पुत्र को मोदक का भोग लगाएं तो बुध ग्रह के दोष दूर हो सकते हैं.
अगर आप पर बुध दोष का प्रभाव है तो आपको सबसे छोटी उंगली में पन्न रत्न धारण करना चाहिए। पर इससे पहले ज्योतिषी से सलाह जरूर ले लें।
बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से भी गणपति की कृपा होती है और बुध दोष का प्रभाव कम होता है।
बुधवार के दिन गणपति को सिंदुर चढ़ाएं। इससे सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
बुधवार के दिन स्नान कर मंदिर में गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं। दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाने से फल जल्दी मिलता है।
