बुधवार व्रत विधि: गणेश जी की पूजा से बुद्धि, व्यापार और सौभाग्य बढ़ेगा

( लेखक नरेन् ) बुधवार व्रत का महत्व
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है, जो बुद्धि, विवेक, सौभाग्य और व्यापार के देवता माने जाते हैं। इस दिन उपवास रखने से बुध ग्रह का प्रभाव भी अनुकूल होता है।
बुधवार व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी माना जाता है जो:
व्यापार में उन्नति चाहते हैं
वाणी में सुधार और संतान सुख की कामना रखते हैं
बुध ग्रह की अशुभ स्थिति से पीड़ित हैं
व्रत विधि (Wednesday Vrat Vidhi)
व्रत की तैयारी
प्रातः स्नान करके स्वच्छ हरे या सफेद वस्त्र धारण करें।
घर के पूजा स्थल को शुद्ध करें और भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
पूजन सामग्री
दूर्वा (21 गांठ)
हरे रंग के फूल
घी का दीपक
लड्डू या मोदक
तुलसी पत्र (यदि उपलब्ध हो)
धूप, अगरबत्ती, रोली, अक्षत, नैवेद्य
पूजन विधि
गणेश जी को स्नान कराकर तिलक करें।
दूर्वा और हरे फूल अर्पित करें।
"ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें (कम से कम 108 बार)।
गणेश आरती करें:
"जय गणेश जय गणेश देवा..."
व्रत कथा सुनें या पढ़ें (नीचे दी गई है)।
अंत में भगवान से अपनी मनोकामना कहें और व्रत पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
बुधवार व्रत कथा (संक्षिप्त)
एक समय की बात है, एक साहूकार था जिसके घर में धन की कोई कमी नहीं थी, लेकिन वह संतानहीन था। एक दिन एक साधु ने उसे बुधवार का व्रत करने की सलाह दी। उसने नियमपूर्वक व्रत किया और कुछ ही समय बाद उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।
फिर एक दिन उसने बुधवार को व्यापार यात्रा की योजना बनाई, जबकि यह निषेध माना जाता है। यात्रा के दौरान उसे अनेक कष्टों का सामना करना पड़ा। तब उसने समझा कि बुधवार के दिन यात्रा वर्जित है। उसने पश्चाताप किया और फिर से नियमपूर्वक व्रत करना शुरू किया। जल्द ही उसका जीवन सुखमय हो गया।
संदेश: बुधवार को व्रत के साथ-साथ नियमों का पालन भी आवश्यक है।
व्रत आहार
व्रतधारी इस दिन बिना नमक का भोजन करते हैं।
हरी मूंग, फल, दूध, दही, साबूदाना, लौकी आदि का सेवन किया जा सकता है।
कुछ लोग केवल फलाहार करते हैं।
बुधवार व्रत के लाभ
बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है
संतान सुख की प्राप्ति होती है
व्यापार में लाभ होता है
वाणी में मधुरता और वाक्-सिद्धि प्राप्त होती है
बुध ग्रह के दुष्प्रभाव दूर होते हैं
निष्कर्ष
बुधवार का व्रत एक सरल, प्रभावी और अत्यंत फलदायी व्रत है। श्रद्धा, नियम और विश्वास के साथ यह व्रत करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में हर प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं।