बुधवार को कैसे करें भगवान गणेश जी की पूजा, जानिए विधि

How to worship Lord Ganesha on Wednesday, know the method
 
बुधवार को कैसे करें भगवान गणेश जी की पूजा, जानिए विधि

 ( लेखक नरेन् )  बुधवार का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का एक विशेष महत्व है, और बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित माना गया है। यह दिन बुद्धि, व्यापार, और वाणी के देवता गणपति की पूजा के लिए उपयुक्त होता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से बुद्धि तेज होती है, वाणी में मधुरता आती है और व्यापार में वृद्धि होती है।

बुधवार पूजा की विधि


प्रातःकाल की तैयारी


ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

पूजा स्थल को साफ करके भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

पूजा सामग्री


दूर्वा (21 गांठ)

शुद्ध जल

रोली, अक्षत

हरे रंग के पुष्प

घी का दीपक

मोदक या लड्डू (गणेश जी का प्रिय भोग)

हरी मूंग की दाल (व्रत में उपयोगी)

तुलसी पत्र (यदि चाहें तो)

पूजन विधि


भगवान गणेश को जल से स्नान कराएं (आचमन या जल अर्पण करें)।

रोली-अक्षत से तिलक करें।

दूर्वा चढ़ाएं (गणेश जी को दूर्वा विशेष प्रिय है)।

पुष्प अर्पित करें और दीप प्रज्वलित करें।

"ॐ गण गणपतये नमः" मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।

लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।

गणेश जी की आरती करें:
"जय गणेश जय गणेश देवा..."

अंत में सभी से सुख-शांति की कामना करें।

बुधवार व्रत नियम


इस दिन नमक रहित भोजन किया जाता है (विशेषकर व्रती व्यक्ति के लिए)।

व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिन भर सत्संग, भजन या धार्मिक पाठ में समय देना चाहिए।

हरे वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

वाणी में मधुरता बनाए रखें — झूठ और अपशब्द से बचें।

लाभ और मान्यताएं


बुध ग्रह को शांत करने के लिए यह व्रत अति प्रभावशाली माना जाता है।

व्यापार में वृद्धि, नौकरी में सफलता और पारिवारिक शांति के लिए यह व्रत किया जाता है।

विद्यार्थियों के लिए भी यह दिन अत्यंत लाभकारी है, क्योंकि यह बुद्धि और स्मरण शक्ति बढ़ाता है।

निष्कर्ष


बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो विघ्नों को हरने वाले, सफलता देने वाले और जीवन को शुभता से भरने वाले देवता हैं। श्रद्धा और विधिपूर्वक यदि यह व्रत एवं पूजा की जाए, तो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अवश्य आता है।

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