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ज्योतिष में लग्न का व्यापक अर्थ और लग्नेश का बारह भावों में फल व उपाय

The comprehensive meaning of Lagna in astrology and the results and remedies of Lagnesh in twelve houses
 
ज्योतिष में लग्न का व्यापक अर्थ और लग्नेश का बारह भावों में फल व उपाय

 लग्न का व्यापक अर्थ


जन्म कुंडली में "लग्न" (Ascendant) वह राशि होती है जो व्यक्ति के जन्म के समय पूर्व दिशा में उदित हो रही होती है। यह किसी भी कुंडली का आधार होता है और उसी से सभी भावों की गिनती शुरू होती है।

महत्व:

लग्न व्यक्ति के शरीर, स्वभाव, व्यक्तित्व, जीवन दृष्टिकोण और संपूर्ण जीवन की दिशा का निर्धारण करता है।

लग्न की शक्ति और लग्नेश की स्थिति, व्यक्ति के जीवन की सफलता-असफलता, स्वास्थ्य और मानसिकता को दर्शाती है।

 लग्नेश का बारह भावों में फल और उपाय


ध्यान दें: यहाँ "लग्नेश" का तात्पर्य उस ग्रह से है जो लग्न राशि का स्वामी होता है। जैसे यदि लग्न मेष है, तो लग्नेश मंगल होगा।

 1. लग्नेश प्रथम भाव में


फल:

आत्मविश्वासी, आकर्षक व्यक्तित्व, मजबूत शरीर, नेतृत्व क्षमता।

जीवन में सफलता की संभावना अधिक होती है।

उपाय:

हर मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएँ (यदि मंगल हो)।

खुद को अहंकार से दूर रखें।

2. लग्नेश द्वितीय भाव में


फल:

वाणी मधुर, धन संपन्न, परिवार से सहयोग।

बचपन से ही जिम्मेदारियों का बोझ।

उपाय:

वाणी का संयम रखें।

लक्ष्मी अथवा सरस्वती माता की आराधना करें।

 3. लग्नेश तृतीय भाव में


फल:

साहसी, परिश्रमी, छोटे भाई-बहनों से संबंध अच्छे।

संघर्ष के बाद सफलता।

उपाय:

हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें।

हाथों से सेवा करना लाभकारी होगा।

 4. लग्नेश चतुर्थ भाव में


फल:

माता से प्रेम, वाहन-संपत्ति लाभ।

भावनात्मक रूप से जुड़ाव अधिक।

उपाय:

माँ दुर्गा या लक्ष्मी की उपासना करें।

घर में नियमित रूप से दीपक जलाएँ।

 5. लग्नेश पंचम भाव में


फल:

बुद्धिमत्ता, संतान सुख, रचनात्मकता।

शिक्षा में सफलता और रोमांटिक स्वभाव।

उपाय:

गाय को हरा चारा खिलाएँ।

संतान को लेकर चिंता छोड़ें, गीता पाठ करें।

 6. लग्नेश षष्ठ भाव में


फल:

रोग, शत्रु, ऋण से जीवन में संघर्ष।

आत्मबल से शत्रुओं पर विजय।

उपाय:

नित्य दुर्गासप्तशती या श्रीसुक्त का पाठ करें।

मंगलवार या शनिवार को दान करें।

7. लग्नेश सप्तम भाव में


फल:

जीवनसाथी के प्रति आकर्षण, व्यापार में सफलता।

विवाह जीवन में उतार-चढ़ाव संभव।

उपाय:

शुक्र या गुरु संबंधित उपाय करें।

पत्नी या पति का सम्मान करें।

 8. लग्नेश अष्टम भाव में


फल:

आयु लंबी हो सकती है, लेकिन जीवन में रहस्य, बाधाएँ अधिक।

मानसिक तनाव, अचानक घटनाएँ।

उपाय:

शिव पूजा करें, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

तंत्र-मंत्र से दूर रहें।

 9. लग्नेश नवम भाव में


फल:

भाग्यशाली, धार्मिक प्रवृत्ति, गुरुजनों से लाभ।

विदेश यात्रा, उच्च शिक्षा में रुचि।

उपाय:

गुरुवार को व्रत रखें, पीले वस्त्र धारण करें।

जरूरतमंद विद्यार्थियों की सहायता करें।

 10. लग्नेश दशम भाव में


फल:

कर्मठ, कार्यक्षेत्र में सफलता।

समाज में सम्मान प्राप्त होता है।

उपाय:

सूर्य या शनि संबंधित उपाय करें (ग्रह के अनुसार)।

रोजाना सूर्य को अर्घ्य दें।

 11. लग्नेश एकादश भाव में


फल:

इच्छापूर्ति, आय में वृद्धि, मित्र सहयोगी।

सामाजिक संबंधों में सफलता।

उपाय:

शुक्र या बुध के मंत्रों का जाप करें।

ग़रीबों को मिठाई या फल दान करें।

 12. लग्नेश द्वादश भाव में


फल:

विदेश यात्रा, खर्च अधिक, मोक्ष की भावना।

आत्मनिरीक्षण और तिरोहित जीवन में झुकाव।

उपाय:

चंद्र या केतु संबंधित उपाय करें।

एकांत साधना, ध्यान और योग करें।

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