क्या आपके कुंडली में भी है राजयोग जानिए अपने कुंडली मैचिंग से

क्या आपके कुंडली में भी है राजयोग जानिए अपने कुंडली मैचिंग से

Jyotish Desk - Rajyog in Kundli किसी की कुंडली मे अगर राजयोग है तो उसे धन पद प्रतिष्ठा सब कुछ मिलता है ।राजयोग (rajyog in hindi) का मतलब यह होता है कि व्यक्ति जिस भी क्षेत्र में काम कर रहा है उसमें उच्च पदासीन होता है और उसकी कुंडली में भाग्य (kundli bhagya)का भी बहुत बड़ा महत्व होता है । Astrolgy में राजयोग की गणना कुंडली के भाव और उसके योग को देख कर की जाती है ।

अब आपके कुंडली मे राजयोग (rajyog) है किन्ही किसी योग्य ज्योतिषी से उसे rajyog kundli chart दिखा सकते हैं|

क्या है राजयोग (Rajyog in Kundli, Raj Yog kya hai) : ज्‍योतिष में कुल 32 प्रकार के राजयोग माने गए हैं, जो व्‍यक्‍त‍ि को सर्वोच्‍च प्रतिष्‍ठा प्रदान करते हैं।

जीवन में जहां कदम-कदम पर संघर्ष होता है, वहीं कुछ व्‍यक्‍ति कुंडली में ऐसे योग (kundli rajyog ) लेकर जन्‍म लेते हैं क‍ि उनकी पूरी जिंदगी आराम, शासन और ठाट से गुजरती है। ऐसे लोगों के लिए ही कहा जाता है क‍ि वे राजयोग के साथ पैदा हुए हैं। प्राय: ऐसे लोगों को धन की कमी नहीं होती और जहां भी वे कदम रखते हैं, सफलता उनके साथ चलती है। यही नहीं, इनका व्‍यक्‍त‍ित्‍व भी अत्‍यंत प्रभावशाली होता है और लोग उनके सम्‍मोहन में बंधते चले जाते हैं।

नीचभंग राजयोग(neechbhang rajyog) : ये बहुत प्रभावशाली राजयोग होता है। जब कुंडली में 6, 8 और 12वें घर के स्वामी इसी भाव में स्थित हों तो यह राजयोग बनता है। ऐसा जातक राजनीति और प्रशासन के उच्च पद को सुशोभित करता है। जिस ग्रह से नीचभंग राजयोग बनता है, उसी ग्रह के फील्ड में व्यक्ति राजा होता है। यदि यह स्थिति सूर्य से बनती है तो ऐसे जातक की लोकप्रियता बहुत अधिक होती है। बहुत साधारण परिवार में जन्म लिया बच्चा भी इस योग के कारण विश्वस्तर का बन सकता है।

गजकेसरी योग(gajkeshri yog in kundli) : गुरु से चंद्रमा केंद्र में या दोनों एक साथ केन्द्रस्थ हों तो गजकेसरी योग बनता है। गजकेसरी एक महान राजयोग होता है। ऐसा जातक जीवन में कोई बड़ा कार्य करता है। वह विद्वान होता है और धन, पद तथा प्रतिष्ठा की प्राप्ति करता है।

बुधादित्य योग (budhatiyog in kundli): सूर्य और बुध के एक साथ होने पर बुधादित्य योग बनता है। ऐसा जातक सूर्य के समान तेजस्वी होता है। जीवन में राजनीति में बहुत सफल होता है। प्रशासनिक अधिकारी होता है।

जिस जातक के लग्न, पंचम और नवम में शुभ ग्रह स्थित हों, उसे भी राजयोग मिलता है। एकादश भाव में कई शुभ ग्रह एक साथ विराजमान होने पर भी राज योग बनता है। त्रिकोण (kendra trikon rajyog)के गृह स्वग्रही या उच्च के हों तो ऐसा जातक जीवन में बहुत धन अर्जित करता है और कई धार्मिक कार्य करता है। ऐसे जातक अक्‍सर विद्यालय खोलते हैं, मन्दिर और धर्मशाला बनवाते हैं। साथ ही वे बहुत ही धनी, दानी और लोकप्रिय होते हैं। कर्क लग्न के जातक बहुत सफल राजनीतिज्ञ होते हैं। गुरु यदि चंद्र के साथ लग्न में स्थित हो और सूर्य की स्थिति मजबूत हो तो ऐसा जातक बहुत लोकप्रिय नेता होता है। भारत के कई प्रधानमंत्री और देश विदेश कब बड़े नेता कर्क लग्न वाले ही हैं। शुक्र भी राजयोग बनाता है। फ‍िल्म और संगीत में लोकप्रियता और सफलता के लिए शुक्र का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इसके ल‍िए जरूरी है क‍ि केंद्र का शुक्र हो, स्वराशि का हो, त्रिकोण में हो और तुला या वृष में स्थित हो। अपनी उच्च राशि में केंद्र या त्रिकोण में हो तो ऐसा जातक कला, फ‍िल्म, संगीत और साहित्य में विश्व स्तर पर नाम करता है।

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