केतु ग्रह प्रभाव कम करने के आसान उपाय अगर जीवन मे चल रहा है असफलताओं का दौर तो केतु का इस मंत्र से करें उपाय

लेकिन साथ में केतु ग्रह के अंदर एक बहुत बड़ी अच्छाई भी है कि अचानक बहुत कुछ देता है जब भी इसका प्रभाव होता है शुभ ग्रहों के साथ में जब इसका प्रभाव अपनी महादशा या अंतर्दशा में यह से प्रभाव दिखाता है जब इस बात की उम्मीद नहीं रहती है वह भी यह काम कराता है आइए सबसे पहले देखते हैं कि पहले भाव में
पहला भाव जिसे लग्न भाव कुंडली का कहा जाता है ऐसे में केतु ग्रह की क्या स्थिति होती है माना जाता है कि लग्न में कुंडली में केतु अगर रहता है तो यह कमर की बीमारी देता है शरीर बहुत ही दुबला पतला रहता है वजन काफी कम होता है लेकिन सुबह के साथ होगा तो यह असर कुछ कम हो जाता है एक सबसे बड़ी पहचाने यह रहती है कि हाथ में पसीना बहुत आता है जिसके भी लग्न में केतु ग्रह होता है।
दूसरा भाव दूसरे भाव में केतु ग्रह रहने पर या व्यक्ति बोलने में बहुत ही खराब माना जाता है और यह जब भी बोलता है तो कड़वा बोलता है जिसके बारे में कहा जाता है कि या करेले जैसा कड़वा होता है लेकिन बहुत बड़ी खूबी यह होती है कि केतु दूसरे भाव में रहने पर शब्दों का संघार करता है इसके सामने सटीक भी नहीं सकते हैं लेकिन पड़ोसियों से या अपने साथ रहने वाले भाई बंधुओं के साथ में ऐसे व्यक्ति की बिल्कुल नहीं बनती है अगर शुभ ग्रह के साथ में इसकी युति होती है तो अचानक धनी बना देता है धन का आगमन इतना तेजी से होता है कि पता भी नहीं चलता है।
लेकिन अगर अशुभ ग्रह के साथ में तो यह व्यक्ति को कर्जदार भी बना देता है साथ में स्वास्थ्य की भी कमी करता है लेकिन अगर कर्ज थोड़ा बहुत बना रहता है तो स्वास्थ्य सही रहता है मतलब यह है कि अगर केतु दूसरे भाव में है तो यह या तो कर्जदार बनेगा या तो स्वास्थ्य में कमी रखेगा दो में से एक काम इसको करना ही करना है तीसरा भाव तीसरे भाव में केतु ग्रह रहने पर यह व्यक्ति को धनवान बनाता है लेकिन छोटे भाइयों के साथ में बिल्कुल नहीं बनती है ।
अगर केतु की युति बृहस्पति और शुक्र की साथ होती हो जाती है तो सुख और वैभव देता है लेकिन ऐसे व्यक्तियों के जिनके कुंडली में तीसरे भाव में केतु है तो ऐसे व्यक्तियों को भाई का सुख काफी दिनों बाद मिलता है और यह माना जाता है जो ज्योतिषीय आकलन है ज्योतिषियों का जो अपना विचार है उसमें कहा जाता है कि 10 वर्षों के बाद ही भाई का सुख मिल पाता है ।
चतुर्थ भाव हमें केतु ग्रह रहने पर माता को कष्ट होता है और परिवार में लगातार कलह झगड़ा बना रहता है किसी से आपस में बनती नहीं है यानी कि जो प्रोग्रेस के चांसेस होते हैं वह बहुत ही रुक जाते हैं चौथे भाव का केतु बहुत अच्छा नहीं माना जाता है ।
पांचवा भाव पांचवे भाव में केतु रहने पर जिस भी व्यक्ति के कुंडली में पांचवे भाव में हुए केतु रहता है उसके विदेश यात्रा के योग बनते हैं काफी सुखी रहता है धन वैभव बना रहता है ।
आपस में बनती है सभी से उसके संबंध अच्छे होते हैं बुद्धि से काफी कुशाग्र माने जाते हैं और यह माना जाता है कि जिस भी बिजनेस में या जिस भी प्रोफेशन में रहते हैं अपनी बातों को बहुत ही आसानी के साथ दूसरों को मना लेते हैं और दूसरे इनकी बातों को सुनकर उसको मानते तो है ही है इज्जत भी करते हैं ।
छठा भाग छठे भाव का केतु सबसे अच्छा फल देने वाला माना जाता है शत्रु को पराजित करने वाला माना जाता है ऐसे व्यक्ति जिसकी कुंडली के छठे भाव में केतु होता है उसको वाहन सुख मिलता है और वह जिस भी क्षेत्र में रहता है वहां का टीम लीडर होता है और जिस भी ऑर्गनाइजेशन में होता है बड़े पद पर रहता है क्योंकि उसके अंदर लीडरशिप क्वालिटी होती है लेकिन ननिहाल से उसको कोई सुख नहीं मिल पाता है जब ऐसे व्यक्तियों का 37 वां वर्ष होता है तो उस समय उसको कष्ट होना ज्योतिषी आकलन के अनुसार पाया जाता है।
सातवां भाव ऐसे व्यक्ति जिनके सातवें भाव में केतु होता है ऐसे लोगों के शत्रु बहुत होते हैं धन की हानि होती है जीवन काफी संघर्ष और परेशानियों से भरा रहता है मूत्र विकार की संभावना बनी रहती है और मूत्र से संबंधित रोग भी बने रहते हैं और यह भी हो सकता है कि ऐसे व्यक्तियों के दो स्त्रियों से संबंध हो ।
आठवां भाव- आठवां भाव जिसके कुंडली में केतु होता है ऐसे लोग रोगी होते हैं और अपनी उम्र से ज्यादा ही बड़े दिखने लगते हैं बार-बार चुकी रोग होने की वजह से उनकी उम्र काफी ज्यादा लगने लगती है.
नवा भाव में कुंडली में केतु रहने पर ऐसे व्यक्तियों के पिता को कष्ट मिलता है और ऐसे लोग मोच के अधिकारी होते हैं और उनको सांसारिक सुख से बहुत ज्यादा मतलब नहीं होता है दसवां भाव दसवें भाव में कुंडली में केतु ग्रह रहने पर ऐसे व्यक्तियों के नौकरी में कई बार बदलाव होते हैं और एक नौकरी करने के कुछ ही दिनों बाद फिर उसको दूसरी नौकरी करनी पड़ती है अतः ठहराव की स्थिति नहीं आती है स्थान का परिवर्तन लगातार बना रहता है ।
ऐसे लोग अगर ऐसे कामों को करें जिसमें ट्रैवलिंग ज्यादा हो एक जगह बैठ कर काम करना उनके लिए नहीं बना हुआ है ऐसे लोगों के लिए ऐसे काम बने हुए हैं जहां उनको लगातार चलते फिरते रहना हो ऐसे में दसवें भाव में केतु वाले व्यक्तियों को काफी सफलता मिलती है ।
ग्यारहवां भाव ग्यारहवें भाव में केतु ग्रह रहने पर ऐसे व्यक्ति ताकि मीठा बोलने वाले होते हैं और इनका व्यवहार सभी के साथ में बहुत ही अच्छा होता है कि काफी धन कमाते हैं अपनी जिंदगी में सुखी और संतुष्ट रहते हैं क्योंकि इनका व्यवहार सबसे अच्छा रहता है इसलिए इनको लोग तरक्की करते हुए देखना भी चाहते हैं ।
12 वा भाव बारहवें भाव में कुंडली में केतु रहने पर ऐसे व्यक्ति स्वभाव काफी को काफी चिंता है बनी रहती हैं लेकिन शत्रुओं पर विजय कारक होता है पराक्रमी होता है।
केतु अगर किसी का अशुभ ग्रह के साथ बैठा हुआ है अशुभ भाव में है और अच्छे फल नहीं दे रहा है बार-बार काम बनते बनते बिगड़ रहे हैं कहीं भी किसी भी काम में स्थाई तो नहीं आ रहा है लाभ की स्थिति नहीं बन रही है तो यह माना जाता है कि के तू कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ अपना कुप्रभाव दिखा रहा है ।
केतु ग्रह का उपाय
इसलिए केतु का उपचार करने के लिए शनिवार के दिन किसी मंदिर में जाकर एक घंटा बांध देना चाहिए और ॐ कें केतवे नमः का मंत्र जाप करना चाहिए और अगर रत्नों की बात करें तो रत्न में लहसुनिया पहन सकते हैं
केतु का दान
दान अगर केतु ग्रह से पीड़ित हैं तो किसी को भी ऐसी वस्तुओं का दान करें जो धारदार हो जैसे कहती चाकू इन सब चीजों का दान कर सकते हैं इन सारे उपचारों को करने के बाद अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।