क्या है बार-बार बीमार होने का कारण? जानिए इसका ज्योतिष से कनेक्शन

क्या है बार-बार बीमार होने का कारण? जानिए इसका ज्योतिष से कनेक्शन

examples of sickness: बहुत बार ऐसा होता है कि लोगों को आपने देखा होगा कि हर महीने में बीमार पड़ जाते हैं, हर हफ्ते बीमार होते हैं और बीमारियाँ उनका पीछा नहीं छोडती. कोई न कोई बीमारी उनके साथ जकड़ी रहती है. कोइन न कोई बीमारी उन्हें पकडे रहती है. तो आखिर कोई व्यक्ति क्यों बार-बार बीमार पड़ता है. क्यों उनके बार बार बीमार पड़ने की संभावना बनती है. आज इस विषय पर बात करेंगे. और बात करेंगे कि अगर आप बार-बार बीमार हो जाते हैं. आपका स्वास्थ्य लगातार अच्छा नहीं रहता है तो उसे अच्छा कैसे बनाया जाए. आखिर वो कौन से ग्रह हैं जिसकी वजह से आप लगातार हमेशा बीमार हो जाते हैं. और अपने शरीर को अपने अप को स्वस्थ कैसे बनाएं? क्या उपाय करें इस विषय पर बात करेंगे.

सबसे पहला सवाल ये है कि हर आदमी तो लगातार बीमार होता नहीं, इसलिए अगर कोई व्यक्ति या पुरुष लगातार बीमार होते हैं. जरूर उनकी कुंडली में कोई ऐया ग्रह होगा, कोई ऐसा मामला होता होगा जिसकी वजह से भी वो लगातार बीमार होते होंगे. तो पहले यही जानते हैं कि किसी व्यक्ति के लगातार बीमार होने के पीछे कौन से ग्रह होते हैं.

examples of sickness: देखिये कुंडली का जो लग्न है अक्सर आप कि आपका लग्न ये है. तो कुंडली का जो लग्न है और जो लग्न का स्वामी ग्रह है ये बताता है कि किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा रहेगा. अगर किसी व्यक्ति का लग्न कमजोर हो या लग्न का स्वामी कमजोर हो तो ऐसी दशा में व्यक्ति के स्वास्थ्य का जो संतुलन हो वो निश्चित रूप से बिगड़ जाता है. यानि लग्न का बेहतर होना और लग्न के स्वामी का बेहतर होना बहुत अहम् है बहुत जरूरी है. सूर्य का मतलब होता है शरीर, प्राण और चंद्रमा का मतलब होता है मन तो सूर्य और चन्द्र किसी व्यक्ति के मन को और शरीर को बेहतर बनाए रखते हैं.

किसी व्यक्ति का मन भी अच्छा नहीं होगा तो स्वस्थ नहीं रह सकता. इसलिए सूर्य और चंद्रमा दोनों का बेहतर होना जरूरी है. ताकि व्यक्ति शरीर से भी बेहतर रहे और मन से भी बेहतर रहे. सूर्य के कमजोर होने पर व्यक्ति को शारीरिक समस्याएँ होती हैं. यानि सूर्य अगर आपका कमजोर है तो आपका जो शरीर है वो निश्चित रूप से कमजोर होगा. और चंद्रमा अगर कमजोर होगा तो चंद्रमा की वजह से मन की समस्याएँ बढ़ जाती हैं. व्यक्ति का मन निश्चित रूप से कमजोर हो जाता है. इसके अलावा कुंडली का जो तत्व् है उसका भी मजबूत होना जरूरी है. अगर कुंडली में कोई तत्व बिगड़ जाए तो अगल-अगल तरह की समस्याएँ लगातार परेशान करती हैं.

health problems and solutions: अब ऐसा बिल्कुल नहीं है कि केवल ग्रह ही हर चीज के लिए जिम्मेदार होते हैं. लगातार बीमार रहने की कोई अन्य वजह भी हो सकती है. अन्य कारण भी हो सकते हैं. तो अगर आप लगातार बीमार रहते हैं तो इसकी अन्य वजह कौन सी है? अन्य कारण कौन से हैं? देखिये अगर किसी घर की तरेंगे ठीक नहीं हैं तो ऐसे घर में रहने पर भी व्यक्ति बीमार हो जाता है. भले उसके ग्रह अच्छे हों लेकिन घर की तरंगे अगर ठीक नहीं हो तो ऐसे घर में वो रहता है तो निश्चित रूप से वो बीमार हो सकता है. जिस घर में नियमित रूप से कलह-क्लेश होता है उस घर में रहने से व्यक्ति बीमार होता है. जो लोग दूसरों को मानसिक कष्ट देते हैं या शारीरिक कष्ट देते हैं ऐसे लोग भी बीमार होते हैं क्योंकि अगर अआप किसी के मन को दुःख पहुँचाएँगे तो वो दुःख घूम-फिरकर आपके पास आ जाएगा.

why do i keep getting sick every month या किसी को शारीरिक रूप से कष्ट पहुँचाएँगे तो वो कष्ट घूम-फिरकर आपके पास आएगा. ऐसी दशा में आपकी जो बीमारी है वो निश्चित रूप से बढ़ेगी. लगातार अगर आप बीमारियों के बारे में सोचते रहने पर बीमारी बनी रहती है. और व्यक्ति बीमार हो जाता है. इसलिए अगर आप बीमार हैं भी तो आपको बीमारियों बारे में सोचना नहीं चाहिए. कभी कभी ऐसा होता है कि हम कोई गलत मंत्र पढ़ने लगते हैं. जो मंत्र हमारे लिए सही नहीं है ऐसा कोई मंत्र पढ़ते हैं जो हमारे लिए अच्छा नहीं होता है या कोई गलत रत्न हम धरण कर लेते हैं. हमें मोती सूट नहीं है, हमने मोती पहन ली तो क्या होगा? एकदम से बीमार हो जाएंगे. तो गलत मंत्र पढ़ने से या गलत रत्न धारण करने से व्यक्ति बीमार हो जाता है. या बीमारी की संभावना बढ़ जाती है.

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