Hanuman setu mandir lucknow me kab bana हनुमान सेतु मंदिर में हनुमान जी को पुजारी सुनाते हैं पीड़ित भक्तों की चिट्ठियां

 
Hanuman setu mandir lucknow kab bana hai

हनुमान सेतु मंदिर कैसे बना 

हनुमान सेतु मंदिर में बरसती है बाबा की कृपा

बाबा नीब करौरी महाराज ने स्थापित कराई थी हनुमान जी की मूर्ति।

जेष्ठ के बड़े मंगल में लगती हैं भक्तों की कतारें 


लखनऊ का हनुमान सेतु मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां रहने वाला शायद ही कोई ऐसा श्रद्धालु होगा जो गोमती के किनारे पूज्य बाबा नीब करौरी महाराज द्वारा वर्ष 1967 में बनवाये गये इस मंदिर में आकर हनुमान जी व गुरुदेव महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद न लेता हो।

हनुमान सेतु मंदिर कब खुलता है ( Hanuman setu mandir timing )

वैसे तो शहर के सबसे प्रतिष्ठित इस मंदिर में प्रतिदिन सुबह से शाम तक दर्शनार्थी भक्तों का आना जाना बना रहता है लेकिन मंगलवार और शनिवार को शहर व बाहरी भक्तों का ताँता मंदिर के सामने की सड़क पर दिनभर यातायात प्रभावित कर देता है। पश्चिम की ओर से मंदिर में प्रवेश करते ही हनुमान जी की  आदमकद मूर्ति हर भक्त का मनमोह लेती है। 
इस मूर्ति की स्थापना 26 जनवरी, वर्ष 2967 बसंत पंचमी तिथि को खुद बाबा जी ने की थी। हनुमान जी की मूर्ति के बायीं तरफ थोड़ी दूरी पर बाबा नीब करौरी महाराज की पालथी लगाकर बैठी मूर्ति लगी है। इस मंदिर में भक्तजन अपनी परेशानी लिखकर पाती के तौर पर पुजारी को देते हैं और पुजारी भक्त की पाती हनुमान जी को पढ़कर सुनाते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी सभी भक्तों की पाती सुनकर उनकी परेशानी शीघ्र ही दूर कर देते हैं।

हनुमान सेतु मंदिर लखनऊ में कहां है (Hanuman setu mandir lucknow  address )

लखनऊ विश्वविद्द्यालय के सामने मंदिर होने से यहां छात्र - छात्राओं का आना भी खूब रहता है। परीक्षाओं  में तो इधर से निकलने वाला कोई छात्र ऐसा नहीं होता जो बिना हनुमान जी के दर्शन किये परीक्षा देने चला जाये। 

मंदिर के विशाल बरामदे में गुरुदेव महाराज की एक और मूर्ति लगी है। मंदिर में आने वाले बहुत कम भक्त जानते हैं कि इस मूर्ति के चबूतरे के नीचे बाबा नीब करौरी महाराज का एक अस्थि कलश भी रखा है जिसे 11 सितंबर, वर्ष 1973 अनंत चतुर्दशी तिथि को वृन्दावन धाम में बाबा जी का शरीर शांत होने के बाद लखनऊ लाया गया था। 
मंदिर के पूर्वी द्वार से प्रवेश करने पर भक्तजन सबसे पहले गणेश भगवान, लक्ष्मी जी व सरस्वती जी की मूर्ति के दर्शन करते हैं। बाबा जी के सामने बरामदे में बैठकर श्रद्धालु जन हनुमान चालीसा व सुंदर कांड का पाठ और राम राम जाप भी करते हैं।


अभी कुछ साल पहले हनुमान जी की मूर्ति के सामने से मंदिर परिसर में ही घुमावदार कैरिडोर बनाया गया है जिससे होकर जाने पर भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग के दर्शन होते हैं। सावन के महीने में मंदिर आने वाला हर भक्त शिवलिंग का जलाभिषेक अवश्य करता है। भक्तों के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से शिवलिंग के पास ही लोटा व जल उपलब्ध रहता है। शिव मंदिर के बायीं ओर श्रीराम दरबार और दाईं ओर दुर्गा जी विराजमान हैं। नवरात्रि में दुर्गा जी का श्रृंगार देखते ही बनता है। कैरिडोर से ही मंदिर का निकास द्वार भी है। जेष्ठ माह के सभी बड़े मंगल को हनुमान जी के दर्शन के लिए भोर चार बजे से ही हजारों महिला व पुरुष दर्शनाथियों की लम्बी लग जाती है जो देर रात तक चलती रहती है। मंदिर के बाहर कई भंडारे भी चलते रहते हैं। 

Hanuman setu mandir

 मौजूदा समय में, श्री संकट मोचन हनुमान सेतु मंदिर व बाबा नीब करौरी महाराज आश्रम ट्रस्ट, लखनऊ के अध्यक्ष सदाकांत रिटायर्ड आईएएस और सचिव दिवाकर त्रिपाठी रिटायर्ड आईएएस हैं।मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा जी के कृपापात्र रहे भगवान सिंह बिष्ट हैं।

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