आत्मशक्ति, अनंत सामर्थ्य व शिवत्व की अनुभूति का दिव्य पर्व है महाशिवरात्रि:आचार्य अशोक

Mahashivratri
हरदोई(अम्बरीष कुमार सक्सेना)शिव सत्संग मण्डल के महाशिवरात्रि महोत्सव में मंडलाध्यक्ष आचार्य अशोक ने कहा कि ज्ञान और शुभ संकल्पों के आह्वान द्वारा अपनी आत्मशक्ति, अनंत सामर्थ्य व शिवत्व की अनुभूति का दिव्य पर्व महाशिवरात्रि है।

ग्राम हुसेनापुर धौकल स्थित शिव सत्संग मण्डल आश्रम पर आए हुए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विचार, विवेक और ज्ञान के अभ्यास के अभाव के कारण ही मनुष्य व्यथित, पीड़ित और चिंतित अनुभव करता है। आओ महाशिवरात्रि की इस महनीय बेला में जप ध्यान अभिषेक,उपासना,आत्मानुशासन एवं ऐंद्रिक संयम द्वारा अपने शाश्वत स्वरूप के बोध, अंतस्  में समाहित अनन्त ऊर्जा और दिव्यता को उजागर करें ।
लखनऊ मंडल के अध्यक्ष राजेश पाण्डेय ने कहा महाशिवरात्रि शिव उपासना का महापर्व एवं सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है।कहा कि देवाधिदेव भगवान शिव के समस्त भारत में जितने मंदिर अथवा तीर्थ स्थान हैं, उतने अन्य किसी के नहीं। आज भी समूचे देश में उनकी पूजा-उपासना व्यापक स्तर पर होती है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव का सबसे पवित्र दिन माना गया है, जो सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी है।
समाजसेवी डॉ एम एल गुप्ता ने कहा कि शिव सत्संग मण्डल द्वारा प्रतिभाओं को सम्मानित करना वास्तव में सराहनीय है।
व्यवस्थापक यमुना प्रसाद  ने कहा कि धर्म पर जो चला वह उन्नति की ओर बढ़ा।ध्यान और भजन से मनुष्य एक बेहतर इंसान बनता है। अटूट श्रद्धा और विश्वास से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।
मण्डल के राष्ट्रीय महामंत्री त्रिपुरेश पाण्डेय ने बताया कि महाशिवरात्रि को ऋषियों की आत्मबोध रात्रि के रूप में परिभाषित किया गया है। महाशिवरात्रि यानि महान कल्याण की रात्रि।इस रात्रि में ही स्वामी दयानंद सरस्वती,स्वामी विवेकानंद, आद्य शंकराचार्य,महात्मा बुद्ध तथा अन्यान्य संतों ने ईश्वर का साक्षात्कार किया।
रविलाल सत्संगी ने बताया कि संसार में जिसका कोई आश्रय दाता नहीं,उसके आश्रयदाता भगवान भोलेनाथ हैं।
बरेली न्यायालय में सेवारत रवि वर्मा ने कहा कि यह आत्मज्ञान की रात्रि है।शिव का स्मरण करने मात्र से दिव्य चेतना उत्पन्न होती है।
लखीमपुर के जिलाध्यक्ष जमुना प्रसाद ने कहा पर्वों का महापर्व महाशिवरात्रि है।शिव स्तुति करने सेे मन
में प्रसन्नता की लहर दौड़ जाती है। आध्यात्मिक शक्तियों से स्व परिवर्तन
के साथ साथ वैश्विक परिवर्तन संभव हो जाता है। परमात्मा का प्रकाशस्वरूप
से ध्यान करने मात्र से जीवन में अलौकिक बदलाव आता है।
शाहजहांपुर के जिलाध्यक्ष डॉ कालिका प्रसाद ने ध्यान और भजन से लाभ,जिला महामंत्री रजनीश सक्सेना ने शिव नाम की महिमा,सुदामा देवी ने सत्संग की महिमा,,प्रचारक प्रेम कुमार ने संगठन का महत्व,राम निवास ने भजन करने के उपाय, डॉ रामौतार ने दान का महत्व, योग प्रशिक्षक डॉ संदीप चौरसिया ने ध्यान साधना,राज किशोर ने योग का महत्व बताया। नन्हे लाल , सोनपाल ने सत्संग की महिमा का बखान किया।
 इस शिवोत्सव का शुभारंभ सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ एम एल गुप्ता,भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक नवनीत गुप्ता, राजेश पांडेय एवं योग प्रशिक्षक राज किशोर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं बहिन बेबी ने सामूहिक ईश प्रार्थना से किया।इस अवसर पर योग प्रशिक्षक सत्यम,रोहित वर्मा,राम चन्द्र, श्रीकृष्ण,राज कुमार, साक्षी,नेहा, मोहित, सौम्या ,प्रतिज्ञा ,शिव महिमा,राम नरेश आदि ने प्रेरणादाई भजन सुनाए।
धर्म प्रेरक अम्बरीष कुमार सक्सेना एवं रवि वर्मा के संयुक्त संचालन में हुए इस महाशिवरात्रि महोत्सव में समाजसेवी डॉ एम एल गुप्ता,उमेश गुप्ता,अनुराग श्रीवास्तव, सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम के चेयरमैन वीरेश श्रीवास्तव के कर कमलों से आकाश वर्मा को फिजियोथेरेपी में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। हाई स्कूल में अव्वल रहने वाले छात्र शिव करन, छात्रा रोशनी देवी, लल्ली,रजनी, सोमना एवं अंजली को सम्मानित किया गया।इंटरमीडिएट में उत्तम अंकों से उत्तीर्ण रीता, जूली,शिवानी वर्मा को मेडल आदि से सम्मानित किया गया।स्नातक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त सपना वर्मा परस्नातक में प्रथम स्थान प्राप्त छवि सक्सेना को सम्मानित किया गया।
इनके अलावा जिला पंचायत सदस्य लालाराम राजपूत को सत्संग क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने के लिए सम्मानित किया गया।विशेष अतिथि के रूप में प्रयागराज विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ रेनू ने प्रतिभाशाली बच्चों को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया।
इस धार्मिक आयोजन में छायाकार राम बहोरन,देव सिंह,राम निवास, बजरंगबली सिंह, गोपाल त्रिपाठी,प्रभाकर बाजपेई,शिव प्रसाद श्रीवास्तव,राम लखन,जितेंद्र गुप्ता, योगेंद्र यादव,अमोदकांत,संजय अग्निहोत्री,आलोक श्रीवास्तव, कुलदीप श्रीवास्तव,महात्मा शांतानंद सहित सैकड़ों सत्संगी बंधु बहिनें मौजूद रहे।

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