जानिए 17 फरवरी 2020 को होने वाले बुध के वक्री होने के प्रभाव को,

जानिए 17 फरवरी 2020 को होने वाले बुध के वक्री होने के प्रभाव को,
जानें कैसे बदल सकता है बुध का वक्रत्व आपका भाग्य और किन बातों पर देना होगा ध्यान--
पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में बुध को वाणी, बुद्धि, बिजनेस और लेन-देन का कारक ग्रह माना जाता है। बुध कुंभ राशि में 17 फरवरी 2020, सोमवार से वक्री गति यानी टेढ़ी चाल से चलना शुरू करेगा और 10 मार्च 2020 को मार्गी यानी सीधा हो जाएगा। इसके बाद 7 अप्रैल 2020 को बुध राशि बदलकर मीन में आ जाएगा। इस तरह बुध की स्थिति में लगातार बदलाव होता रहेगा। ऐसे में बुध के इस वक्री गति से गोचर करने का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा।
बुध का वक्री होना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि बुध संचार व्यवस्था, वाणी, कम्युनिकेशन, लेखन, गणित तथा तार्किक कार्यों का संचालन करता है। बुध के वक्री हो जाने से बात का बतंगड़ बन जाता है। लड़ाई झगड़े, विवाद तथा गलतफ़हमियां भी बुध की वजह से पैदा होती हैं। जो लोग दिमाग का प्रयोग अधिक करते हैं उन्हें समस्या आती है और निर्णय लेने में परेशानी भी होती है।
बुध को ज्ञान, विवेक एवं धन-संपदा का कारक माना गया है एवं इस ग्रह का वक्री होना आपको कई तरह से शक्ति प्रदान कर सकता है। बुध के वक्री होने पर व्यक्ति को छठी इंद्रिय जैसा ज्ञान प्राप्त होता है और वह आपको दूरदर्शी बनाता है। इसके प्रभाव से रहस्यमयी विद्याओं में रूचि बढ़ने लगती है। अगर किसी व्यक्ति के जन्म के समय बुध वक्री हो तो वह संकेत और अंर्तदृष्टि की भाषा को समझने में निपुण बनता है। 17 फरवरी 2020 को बुध वक्री होंगे।
वक्री बुध केवल अशुभ ही नहीं बल्कि शुभ फल भी देता है। वक्री बुध के प्रभाव से व्यापार में लाभ और धन प्राप्ति होती है। इनकम सोर्स भी बढ़ते हैं। विवादों में विजय मिलती है।

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