May Month 2024 Masik Kalashtami Vrat: कब है मासिक कालाष्टमी व्रत? जानें डेट, पूजा विधि और इस तिथि का महत्व 

May Month 2024 Masik Kalashtami Vrat:  कालाष्टमी के दिन भगवान भोलेनाथ (Bholenath) के रौद्र रूप काल भैरव (Kaal Bhairav) की पूजा का विशेष विधान है. शास्त्रों में काल भैरव को अति रौद्र बताया गया है. साथ यह भी कहा गया है कि यदि कोई भी भक्त काल भैरव की पूजा मन से करता है तो, वे अपने भक्त को कभी समस्याओं से घिरने नहीं देते हैं.
Masik Kalashtami

May Month 2024 Masik Kalashtami Vrat:  कालाष्टमी के दिन भगवान भोलेनाथ (Bholenath) के रौद्र रूप काल भैरव (Kaal Bhairav) की पूजा का विशेष विधान है. शास्त्रों में काल भैरव को अति रौद्र बताया गया है. साथ यह भी कहा गया है कि यदि कोई भी भक्त काल भैरव की पूजा मन से करता है तो, वे अपने भक्त को कभी समस्याओं से घिरने नहीं देते हैं. हमेशा उस पर अपनी कृपा उस पर बनाए रखते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि काल भैरव की पूजा से कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है. 

Masik Kalashtami Vrat: सनातन धर्म में त्योहारों और पर्वों की कमी नहीं है. इस धर्म को विश्व का सबसे प्राचीन धर्म माना गया है. साथ ही इस धर्म में आए दिन कोई न कोई पर्व मनाया जाता है. इन सभी पर्वों का अपना विशेष महत्व होता है. इन्हीं में से एक पर्व है कालाष्टमी। यह पर्व प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व है. उनकी पूजा से जातकों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. वैसे तो लोगों को भगवान काल भैरव के रौद्र रूप के बारे में ही जानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं उनकी वे जितने रौद्र हैं, उससे भी ज्यादा दयालु के देवता माने जाता हैं. पुराणों में उन्हें कहा गया है कि भैरव बाबा अपने भक्तों को कभी उदास नहीं करते हैं. वे उनका बराबर ध्यान रखते हैं और अपना आशीर्वाद उनके ऊपर बनाए रखते हैं। कालाष्टमी के दिन व्रत रखने से भैरव बाबा अति प्रसन्न होते हैं.

मासिक कालाष्टमी डेट और मुहूर्त 

May Month 2024 Masik Kalashtami Vrat Date and Muhurat: ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन इस व्रत को रखा जाएगा। इस तिथि के मुहूर्त की शुरुआत गुरुवार 30 की सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी कि शुक्रवार 31 मई की सुबह 9 बजकर 38 पर समाप्त होगा। लेकिन व्रत 30 मई को ही रखा जाएगा।

कालाष्टमी पूजा विधि 

 Masik Kalashtami Puja Vidhi: कालाष्टमी (Kalashtami) के दिन सुबह जल्दी उठकर सभी कार्यों निवृत होकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद घर के पूजा स्थल व मंदिर में चौक सजाएं और उस पर भगवान काल भैरव की प्रतिमा की स्थापना करें। सर्वप्रथम भगवान काल भैरव को पञ्चामृत से स्नान कराएं। साथ ही सरसो के तेल का दीया जलाएं। उन्हें इत्र और पुष्प अर्पित करें। इसके बाद चंदन, मिठाई अदि अर्पित कर धूप जलाकर उन्हें प्रणाम करें। इसके बाद पूजा में बैठकर भगवान काल भैरव आरती करें। उनके मंत्रों जाप कर क्षमा भाव की प्रस्तुति करें। इससे वे आपके द्वारा की गई गलतियों को क्षमा कर देंगे। अंत एक बार फिर उनकी आरती कर आशीर्वाद लें. साथ उन्हें भोग प्रसाद चढ़ाकर स्वयं प्रसाद ग्रहण करें। इसके अलावा काले कुत्ते को भोजन अवश्य कराएं। 

कालाष्टमी व्रत का महत्व
Masik Kalashtami Vrat Mahatwa: ज्योतिष के अनुसार इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा और व्रत से आपके घर में समाई हुई नकारात्मक शक्तियां कभी प्रवेश नहीं करेंगी। साथ आपको अपने शत्रुओं से भी मुक्ति मिल जाएगी। बाबा भैरव की पूजा और कालाष्टमी व्रत की वजह से आपके ऊपर चल रहे ग्रह दोषों से आपको मुक्ति मिल जाएगी। साथ यदि कोई जादू-टोना का प्रभाव आपके ऊपर पड़ता है तो वह भी गायब हो जाएगा।  

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