Powered by myUpchar
इस्कॉन मंदिर, लखनऊ में धूम धाम से मनाया गया नरसिंह चतुर्दशी महा महोत्सव

परम पूज्य भक्ति करुणामयी वनमाली स्वामी जी महाराज ने सभी भक्तों को नरसिंह भगवान की कथा में यह बताया कि नरसिंह भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक हैं, नरसिंह भगवान अपने भक्त प्रहलाद की बात को सच करने के लिए हिरण्यकश्यप के प्रहार से भगवान अर्ध मनुष्य व अर्ध सिंह का शरीर धारण करके खंबे से प्रकट होते हैं और ब्रम्हा जी के द्वारा दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप को दिए गए सभी वरदानों की शर्तों को पूरा करते हुए उसका वध करते हैं एवं भक्त प्रहलाद की भक्ति से भगवान उसके क्रूर पिता सहित उसकी 21 पीढ़ियों का उद्धार कर देते हैं।
*परम पूज्य भक्ति करुणामयी वनमाली स्वामी जी महाराज ने बताया कि प्रहलाद महाराज से हमें बचपन से ही भक्ति करने की शिक्षा लेनी चाहिए और यदि कोई भक्त ईश्वर की प्रेम पूर्ण भक्ति करता है तो उसका फल उसकी 21 पीढ़ियों को मिलता है, अंत में उन्होंने भगवान नरसिंह तथा भक्त प्रहलाद की कथा से प्रेरणा लेकर भगवान की नवधा भक्ति करने का आग्रह किया जिससे मनुष्य जीवन सफल हो सके।
श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभु जी, मंदिर अध्यक्ष ने सभी भक्तों से यह निवेदन किया कि अधिक से अधिक हरिनाम व श्रीमद भगवत गीता का स्वाध्याय करें, कथा के पश्चात भगवान नरसिंह जी की लीलाओं को मंदिर के भक्तों द्वारा नाट्य कार्यक्रम द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी गई जिसकी शहर भर से आए भक्तों ने भूरि भूरि प्रशंशा की व मंदिर प्रांगण सभी भक्तों द्वारा हरे कृष्ण महामंत्र की गूंज से गुंजायमान हो गया।