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Navtatri 2021: डोली में सवार होकर आएंगी माँ दुर्गा, जानिए क्या होगा जनजीवन पर असर

नवरात्रि 2021 (Navaratri 2021 in India) में 7 अक्टूबर को है. इस तिथि को गुरुवार है. घटस्थापन (ghat sthapana muhurat) यानि कलश स्थापन के लिए शुभ मुहूर्त (kalash sthapan muhurat) सुबह 06 बजकर 17 मिनट से लेकर 7 बजकर 07 मिनट तक है. घटस्थापन के लिए अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक है. शास्त्रों के मुताबिक इस नवरात्रि भगवती दुर्गा का आगमन गुरुवार के दिन हो रहा है और प्रस्थान 15 अक्टूबर यानि शुक्रवार को हो रहा है.
कहते हैं कि गुरुवार के दिन देवी दुर्गा (goddess durga) डोली में सवार होकर आती हैं. जिसके फलस्वरूप जानमाल की हानि और अकाल पड सकता है. वहीं इस बार विजयादशमी (vijay dashmi 2021 date in india) शुक्रवार को पर रहा है. ऐसे में देवी दुर्गा का गमन हाथी पर होगा. इसके परिणामस्वरूप अच्छी वर्षा होगी. आगे शास्त्रों में दिए गए देवी दुर्गा के आगमन-गमन मंत्र व उसके फल के बारे में जानते हैं.
दुर्गा आगमन मंत्र (Goddess Durga Arrival mantra)
शशि सूर्ये गजारूढा।
शनि भौमे तुरंगमे।।
गुरौ शुक्रे च डोलायाम्।
बुधे नौका प्रकीर्तितः।।
अर्थ- सोमवार और रविवार को प्रथमा तिथि हो तो देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार और मंगलवार को भगवती का आगमन घोडा पर होता है. गुरुवार और शुक्रवार को माता डोली में सवार होकर आती हैं और बुधवार के दिन नाव पर आरूढ होकर देवी आती हैं.
दुर्गा आगमन मंत्र फल (Goddess Durga Arrival Meaning)
गजे च जलदा देवी
छत्र भंग तुरंगमे
नौकायाम् सर्वसिद्धिस्यात्
डोलायाम् मरणं ध्रुवं
अर्थ- जब देवी हाथी पर सवार होकर आती चारों ओर जल ही जल होता है. यानि अतिवृष्टि और बाढ की स्थिति बनती है. वहीं जब देवी दुर्गा घोडे पर सवार होकर आती हैं तो शासक बदलते हैं. जब देवी नौका पर सवार होकर आती हैं तो सभी तरह की सिद्धियाँ प्राप्त होती है, साथ ही सबकी मनोकामना पूर्ण होती है. इसके अलावा जब माता डोली पर सवार होकर आती हैं तो देश में बहुत से जानमाल की हानि, दुर्भिक्ष अकाल आदि नजर आते हैं.
दुर्गा गमन Goddess Durga Gaman Fal)
शशि सूर्य दिने यदि सा महिषा गमने रुजशोक करा।
शनि भौम दिने यदि सा विजया चरणायुधयान करि सा विकला।।
बुध-शुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहनगा शुभ वृष्टि करा।
सुरराज गुरौ यदि सा विजया नरवाहनगा शुभ सौख्य करा।।
अर्थ- सोमवार या रविवार को यदि विजय दशमी पडे तो ऐसे में देवी भैंस पर सवार होकर जाती हैं, जिससे लोग शोक-संतप्त रहते हैं. यानि लोगों के मन में अनेक प्रकार की अनेक प्रकार की चिंता बनी रहती है. वहीं विजय दशमी शनिवार और मंगलवार के दिन पडे तो दुर्गा देवी चरणायुधयान यानि कुक्कुट पर सवारी कर अपने गंतव्य को जाती हैं. इस स्थिति में संसार के लोग परेशान रहते हैं.
विजय दशमी के दिन यदि बुधवार या शुक्रवार पडे तो भगवती दुर्गा हाथी पर सवार होकर जाती हैं. एसे में अच्छी वर्षा होती है, जिससे फसल भी अच्छा होता है. इसके अलावा अगर विजय दशमी पर गुरुवार पडे और देवी प्रस्थान मनुष्य की सवारी पर होता है तो संसार के लिए बहुत शुभकारी होता है.