Sarwarth siddhi  जो चाहोगे मिलेगा October 2021 के इन 7 दिनों में सर्वार्थ सिद्धि योग में करें पूजा , जानिए पूजा विधि 

Sarwarth sidh yog october 2021

 अक्टूबर 2021 में पढ़ने वाले सर्वार्थ सिद्धि योग

सर्वार्थ सिद्धि योग क्या है?

सर्वार्थ सिद्धि योग में माना जाता है कि किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए जो भी कार्य सिद्ध होने के लिए प्रार्थना की जाती है पूजन किया जाता है वह सिद्ध हो जाता है क्योंकि इसके लिए कुछ ऐसे मुहूर्त होते हैं जिसमें पूजा पाठ करने से और जो मनोकामना होती है उसको करने से सर्वार्थ सिद्धि योग हो जाता है।

October 2021 सर्वार्थ सिद्धि योग 
6 october देर रात्रि 12.58 तक
15 october दिन  12.23 तक
19 October दिन 12.50 तक
21 October दिन  3.59  तक
23 October रात्रि 8.38 के बाद
25 October रात्रि 1.49 तक
28 October सुबह 6.17 के बाद 

सर्वार्थ सिद्धि मंत्र 

सर्वार्थ सिद्धि के लिए महादेव भोलेनाथ शंकर जी की पूजा से माना जाता है कि सारे काम सफल हो जाते हैं और जिस भी मनोकामना के लिए पूजा की जाती है वह सफल होती है ।
जिसके लिए ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 

या 
महामृत्युंजय मंत्र “ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥'' 
का जाप किया जाता है ।
सर्वार्थ सिद्धि योग के लिए  यदि आप खुद पूजा कर रहे हैं तो शंकर जी की मूर्ति रख कर पूजा कर सकते हैं ।
पूजन विधि के लिए षोडशोपचार विधि 
यानि कि सोलह विधि से उपचार करके पूजन किया जा सकता है ।
अगर किसी भी योग्य विद्वान पुजारी से आप पूजन करे रहे हैं तो फिर वह खुद सारे काम कर देंगे ।


लेकिन अगर आप खुद पूजन कर रहे हैं तो मंत्रों के बारे में जान लेना आवश्यक है और अगर शंकर जी की मूर्ति रख  कर पूजा कर रहे हैं तो शंकर जी के मंत्रों का उच्चारण करना है और अगर विष्णु जी की मूर्ति से पूजा कर रहे हैं तो विष्णु जी  के मंत्रों का उच्चारण करना है ।

सर्वार्थ सिद्धि पूजा विधि

पूजा विधि के लिए मूर्ति के साथ ही  सामने कलश स्थापित करें धूप और दिया जलाए पान सुपारी चढ़ाए ,फूल चढ़ाएं और अपनी मनोकामना को मन मे रखते हुए मंत्रों का जाप कम से कम एक माला की करके प्रसाद का वितरण करें हो सके तो भोजन कराएं ।
दान मंदिर में करें । भगवान से अपनी मनोकामना को पूरा करने की प्रार्थना करे साथ ही अनजाने में हुई कोई बजी गलती के लिए क्षमा भी मांगे।
पूजा पाठ के बाद जो कुछ यथासंभव हो दान भी करें ।
भगवान को आपसे कुछ भी नही चाहिए आप उनकी मदद करें जिन्हें कृपा नही मिली है आपकी खुद ही मदद होगी ।

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