हे राम जीवन धाम ,मैं तेरा दास हूँ विनती करूँ हे नाथ 

Ram mandir
 

हे राम जीवन धाम, मुझको दान भक्ति अब करो !
कर दो कृपा रघुनाथ,भव बाधा मेरी अब तुम हरो !!
काटा है जीवन आस में, होगी कृपा गुणधाम की !
करुणा के सागर तुम प्रभु,जीवन के क्लेशों को हरो !!
हे राम जीवन धाम……
विपदा पड़े जब भक्त पर,अवतार लेते तुम प्रभु -2
कर नाश दुष्टों का हरि,भक्तों के संकट तुम हरो !!
हे राम जीवन धाम……

हनुमान मेरे नाथ,नाथों के प्रभु तुम नाथ हो -2
कलिकाल से रक्षा करो,सियाराम जय जय सब करो !!
हे राम जीवन धाम……

होगी कृपा रघुनाथ की, विश्वास मुझको है प्रभु - 2
विश्वास को न तोड़ना, रघुनाथ की जय जय करो !!
हे राम जीवन धाम……

मैं दास तेरा हूँ प्रभु, विनती करूँ हे नाथ मैं -2 
दीनों के दीनानाथ तुम,पापों को मेरे तुम हरो !!
हे राम जीवन धाम……

भक्ति करो अब दान तुम,करुना के सागर हो प्रभु - 2
विनती “अनु” की सुन लो तुम,दासों के दुःख को तुम हरो !!
हे राम जीवन धाम, मुझको दान भक्ति अब करो !
कर दो कृपा रघुनाथ,भव बाधा मेरी अब तुम हरो !!


!!जयसियाराम!!
रचनाकार-पंडित अनुराग मिश्र ”अनु”
अध्यात्मिक लेखक व कवि

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