आपकी भी जिंदगी में है विदेश यात्रा का योग? हथेली की इन लकीरों से जानें

आपकी भी जिंदगी में है विदेश यात्रा का योग? हथेली की इन लकीरों से जानें

palmistry lines meaning: हथेली में विदेश यात्रा का योग आमतौर पर कम ही देखने को मिलता है. हस्त रेखा शास्त्र के मुताबिक जिनकी हथेली में विदेश यात्रा का योग होता है वे जातक जीवन में एक न एक बार अवश्य विदेश यात्रा करता है. ये विदेश यात्रा कोई आवश्यक नहीं है कि बहुत दूर का ही हो. विदेश यात्रा में जातक पडोसी देश भी यात्रा करता है. वैसे तो दुनिया में अनगिनत लोग ऐसे होते हैं जो अपने देश के अलावा विदेशों की यात्रा करने के लिए हमेशा आतुर रहते हैं या उन्हें दूसरे देशों की यात्रा करने का शौक होता है। लेकिन अगर जानना चाहें कि आपके लिए विदेश यात्रा का योग बन रहा है या नहीं इसके लिए आपको हथेली में छुपे हुए राज के बारे में जानना होगा, जिसके कारण आप भी विदेश की यात्रा कर सकेंगे। आइए आगे ये जानते हैं कि आपकी विदेश यात्रा के योग हथेली की किन रेखाओं की शुभता पर निर्भर करता है...

1. हथेली की सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत स्थित होता है अगर बुध पर्वत के पास से कोई रेखा गुजरते हुए सूर्य पर्वत अर्थात अनामिका उंगली के पास तक खींची हुई नजर आती है। ऐसी हथेली वाले सभी लोग विदेश यात्रा करने का अवसर प्राप्त करते हैं।

2. भाग्य रेखा जीवन रेखा स्पष्ट तो हम नजर आएं रेखाओं के ऊपर त्रिभुज जैसे चिन्ह नजर न आएं और चंद्र पर्वत उन्नत दिखाई दे ऐसे लोग कई बार विदेश की यात्रा करते हैं।

3. यदि चंद्र पर्वत पर भाग्य रेखा और जीवन रेखा से मिलती हुई एक रेखा दिखाई दे तो ऐसे व्यक्ति अधिकांशत विदेशों में ही रहते हैं।

4. चंद्र पर्वत की ओर जाने वाली रेखा जीवन रेखा से पोकर आई हो तो ऐसा व्यक्ति विदेश में रोजगार प्राप्त करने के अवसरों का भागी बनता है अर्थात विदेश यात्रा का प्रबल योग बनता है।

5. यदि चंद्र पर्वत के बीचो-बीच वर्गाकार की आकृति बन रही है ऐसे में विदेश यात्रा का योग बनता है।

6. चंद्र पर्वत के ऊपर हथेली की छोटी-छोटी रेखाएं जब 'X' आकार की आकृति का निर्माण करते हैं इसे भी विदेश की यात्रा का योग माना जाता है।

7. किसी व्यक्ति के लिए विदेश यात्रा का योग बनाने में अहम भूमिका चंद्र पर्वत की होती है चंद्र पर्वत की छोटी-छोटी रेखाएं भी आपकी कई यात्राओं का कारण होती हैं। इसकी विदेश की यात्रा करने का मन बना रहे हैं, तो चंद्र को खुश करने का उपाय करना चाहिए।

8. जिन जातकों की हथेली में मणिबंध रेखा और जीवन रेखा के बीच में Y आकार की आकृति बनती नजर आए उनके लिए विदेश यात्रा का विशेष योग बनता है।

विदेश की यात्रा योग के लिए महत्वपूर्ण है हथेली की रेखाएं और पर्वत

लोगों के जीवन निर्धारण में अहम भूमिका हथेली में मौजूद रेखाओं पर्वतों की होती ही है, लेकिन ऐसी मान्यता भी है कि विदेश यात्रा के लिए भी हस्त ज्योतिष हाथ में छुपी रेखाएं और पर्वतों के निर्धारण को अहम मानते हैं। चंद्र पर्वत, शुक्र पर्वत, सूर्य पर्वत, शनि पर्वत, बुध और बृहस्पति पर्वत का प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर असर जरूर डालता है। इसलिए हथेली की रेखाओं के बारे में जानना आवश्यक होता है।

क्या है हस्त रेखा शास्त्र

हाथों की लकीरें व्यक्ति के वर्तमान, भूत और भविष्य पर प्रकाश डालती हैं। हथेली पर बनीं, हाथों की रेखों को पढ़कर, जब व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसके जीवन को देखा जाता है तब इसे हस्तरेखा अध्ययन बोलते हैं। हस्त रेखा शास्त्र की जड़ें, चीन, भारत और रोम के जुडी हुई मानी जाती हैं। प्राचीन वेदों में इसे संस्कृत भाषा द्वारा अंकित किया गया है। संस्कृत में इसे ज्योतिष नाम से जाना जाता है।

हस्त रेखा विद्या भारत में, सनातन(हिन्दू) लोगों द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक विद्या है। भारत में जन्म से लेकर मृत्यु का वर्णन, हथेली की इन रेखाओं में बताया जाता है। इसके साथ-साथ यहाँ आपको अपने स्वास्थ्य, धन, परिवार, सुख, दुःख, व्यवसाय, समृधि और विवाह समेत जानकारियां, यहाँ से प्राप्त हो जाती हैं। हस्त-रेखा शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के हाथ में जीवन, मस्तिष्क और अर्थ आदि सभी रेखायें होती हैं जिनका अध्ययन कर भविष्यवाणी की जाती है। इतिहास के अनुसार भारत से, हस्तरेखा कला का चीन, तिब्बत, फ्रांस, मिश्र और यूरोप के अन्य देशों में प्रसार हुआ।

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