peepal ke vrksh ki puja kaise kare : पीपल के वृक्ष की पूजा कैसे करें

पीपल के वृक्ष की पूजा विधि (Step-by-step)
समय:
शनिवार को सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद पूजा करना श्रेष्ठ होता है।
विशेष रूप से शाम को दीपक जलाकर पूजा करने से शनि कृपा प्राप्त होती है।
पूजा सामग्री:
जल से भरा लोटा
काले तिल (जरूरी)
अक्षत (चावल)
पुष्प (विशेषकर नीले फूल)
कच्चा दूध (वैकल्पिक)
दीपक (सरसों के तेल का)
धूपबत्ती
मौली (कलावा)
गुड़, बताशे, जलेबी या कोई मीठा प्रसाद
पूजन विधि:
1. स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें:
स्वच्छ नीले या सफेद वस्त्र पहनें, मानसिक रूप से शांत रहें।
2. वृक्ष के नीचे जाएं:
पीपल वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करें, साथ में काले तिल और अक्षत मिलाएं।
3. दीपक जलाएं:
सरसों के तेल का दीपक पीपल की जड़ में जलाएं। यह शनि देव को अर्पण माना जाता है।
4. प्रदक्षिणा (परिक्रमा):
वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें। हर चक्कर के साथ कोई शनि मंत्र बोल सकते हैं:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
या
“ॐ पितृदेवाय नमः” (पितृ दोष के लिए)
5. मंत्र जाप और प्रार्थना:
बैठकर शनि स्तोत्र, शनि चालीसा, या गायत्री मंत्र का जाप करें।
शांति, स्वास्थ्य, बाधा निवारण या इच्छित फल की प्रार्थना करें।
6. मौली बाँधें:
पीपल के तने पर मौली (कलावा) बांध सकते हैं — मनोकामना पूर्ति के लिए।
7. प्रसाद अर्पण करें:
गुड़, बताशा, या जलेबी अर्पित करें और जरूरतमंद को बांटें।
क्या न करें:
पीपल पेड़ को रविवार, अमावस्या और संध्या काल छोड़कर काटना या नुकसान पहुँचाना वर्जित है।
पीपल की पूजा के बाद तुरंत पीछे मुड़कर न देखें (परंपरा अनुसार)।
पूजा के दौरान चप्पल/जूते न पहनें।
पीपल पूजा के लाभ:
शनि दोष, राहु-केतु के प्रभाव में राहत।
पितृ दोष से मुक्ति।
मानसिक शांति और पुण्य की प्राप्ति।
रोग, ऋण और कोर्ट केस में राहत।