दरिद्रता और परेशानी पास भी नही फटकेगी अगर पीपल के पेड़ के पास किया हफ्ते में 6 दिन इन "मंत्रों " का जाप 

Pipal tree
 


शनि दोष में पीपल के प्रयोग से शनि की साढ़े साती और दरिद्रता संकट सब कुछ समाप्त हो जाता है । 
जिस भी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़े साती या ढैया है तो वह रोज पीपल के पेड़ परजल चढ़ा सकता है लेकिन शनिवार को जल चढ़ाना ज्यादा फायदा करता है ।
शनि दोष खत्म करने का तरीका 
शनि दोष समाप्त करने के लिए पीपल के पेड़ को दोनों हाथों से छूकर ओम नमः शिवाय का जाप 21 बार  करें शनि दोष कम होने लगेगा ।
शिव मंत्र का जाप पश्चिम की ओर मुख करके बोलना है ।
पीपल के वृक्ष को दोनों हाथों से छूते हुए धीरे धीरे मंत्रों का जाप करें इससे आपको काफी आत्मिक शांति मिलेगी और दोष काम होने लगता है ।
जिस भी व्यक्ति द्वारा यह प्रयोग किया जाता है उसे एक हफ्ते बाद ही लगने लगता है कि उसका दोष कुछ कम होने लगा ।

शनि की साढ़ेसाती और ढय्या के बुरे प्रभावों को दूर कर,शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए हर जातक को प्रति शनिवार को पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है। 

यदि रोज (रविवार को छोड़कर) पीपल पर पश्चिममुखी होकर जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष की शांति होती है l

शनिवार की सुबह गुड़, मिश्रित जल चढ़ाकर, धूप अगरबत्ती जलाकर उसकी सात परिक्रमा करनी चाहिए, एवं संध्या के समय पीपल के वृक्ष के नीचे कड़वे तेल का दीपक भी अवश्य ही जलाना चाहिए। इस नियम का पालन करने से पीपल की अदृश्य शक्तियां उस जातक की सदैव मदद करती है।

ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा  उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।'
सारे ग्रहदोष हो जाते हैं समाप्त 

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।

हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।


पितृ दोष का भी होता है पीपल का निवारण 

पीपल का पेड़ लगाने और  उसकी सेवा करने से पितृ दोष में कमी होती है । शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ की सेवा मात्र से ही न केवल पितृ दोष वरन जीवन के सभी परेशानियाँ स्वत: कम होती जाती है

पीपल में प्रतिदिन (रविवार को छोड़कर) जल अर्पित करने से कुंडली के समस्त अशुभ ग्रह योगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। पीपल की परिक्रमा से कालसर्प जैसे ग्रह योग के बुरे प्रभावों से भी छुटकारा मिल जाता है। पद्म पुराण में भी इसकी व्याख्या बताई गई है।

Share this story