Shri Ram Navami 2024: क्या है गजकेसरी योग,भगवान राम से इसका क्या संबंध है

Shri Ram Navami 2024: ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार की रामनवमी बहुत ख़ास है क्योंकि इस बार चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान रहेंगे। भगवान श्रीराम का जन्म भी कर्क लग्न में ही हुआ था. वहीं इस दिन गजकेसरी योग भी प्रभावशाली रहेगा जो कि भगवान की कुंडली में था |
चैत्र मास की नवमी की तिथि को रामनवमी के नाम से जाना जाता है. क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. इस वर्ष रामनवमी 17 अप्रैल को है. ज्योतिषियों कहा कहना है कि इस बार की रामनवमी बहुत ख़ास है क्योंकि इस बार चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान रहेंगे और भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न में ही हुआ था. वहीं इस दिन गजकेसरी योग भी प्रभावशाली रहेगा जो कि भगवान की कुंडली में था. वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई तरह के योग बनते हैं, जिसमें से कुछ जातक को शुभ प्रभाव प्रदान करते हैं. और कुछ अशुभ होते हैं. कुंडली में शुभ योगों में गजकेशरी योग को अत्यंत शुभ माना गया है. यह जातक को धन और शारीरिक शक्ति दोनों से प्रबल बनाता है.
क्या है गजकेसरी योग?
Gajakesari Yoga Kya Hai: गजकेसरी योग के बारे में कहा जाता है कि गज यानि हाथी और केसरी का अर्थ स्वर्ण होता है. यह योग शक्ति और धन से जुड़ा हुआ योग है. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में गजकेसरी योग का निर्माण होता है तो इंसान के पास हाथी जैसा बल और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है. इसलिए लोग गजकेसरी योग की अवधि में खूब आर्थिक तरक्की करते हैं। ऐसा माना जाता है कि लोग जीवन में हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं.
कुंडली में कैसे बनता गजकेसरी योग?
वैदिक ज्योतिष में कुंडली में इस योग का निर्माण तब होता है जब गुरु और चंद्रमा की खास स्थिति बनती है. साथ ही गुरु और चंद्रमा जब किसी राशि में साथ बैठे होते हैं या फिर गुरु जिस राशि में होते हैं उस राशि से चौथे, सातवें और दसवें घर में चंद्रमा होते हैं तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है. लेकिन यहां पर ये देखना बहुत जरूरी होता है कि चंद्रमा और गुरु की डिग्री कैसी है, साथ ही इन पर किस ग्रह की दृष्टि है. क्योंकि यदि इन ग्रहों की डिग्री कमजोर है तो व्यक्ति को राजयोग का पूर्ण फल नहीं प्राप्त हो पाता है.
भगवान राम का जन्म कब हुआ?
Bhagwan Ram Ka Janm Kab Hua Tha : महर्षि वाल्मीकि के अनुसार श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि एवं पुनर्वसु नक्षत्र में जब पांच ग्रह अपने उच्च स्थान में थे तब हुआ था. इस प्रकार सूर्य मेष में 10 डिग्री, मंगल मकर में 28 डिग्री, बृहस्पति कर्क में 5 डिग्री पर, शुक्र मीन में 27 डिग्री पर एवं शनि तुला राशि में 20 डिग्री पर था. इस बार रामनवमी 16 अप्रैल की दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी कि 17 अप्रैल की दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 17 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी।
किन राशियों पर पड़ेगा गजकेसरी योग का असर?
मेष राशि: इस बार रामनवमी पर मेष राशि के जातकों को भगवान राम का विशेष कृपा मिलेगी। मेष राशि में स्वयं सूर्यदेव के साथ बृहस्पति विराजमान हैं. ऐसे में मेष राशि के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा। साथ ही शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है. कार्यस्थल पर कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. उच्चधिकारी आपके काम की प्रशंसा करेंगे। नौकरीपेशा जातकों को नौकरी में अच्छा फायदा मिल सकता है. आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है जो कि भविष्य में आपको ऊंचाई पर पहुंचाने में काम आएगी। बिजनेस में अच्छा मुनाफा मिल सकता है.
मीन राशि: मीन राशि के जातकों पर भगवान श्री राम की विशेष कृपा रहेगी। आपको अपने हर कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी जिससे आपका मन बहुत प्रसन्न रहेगा। काफी समय से चली आ रही आपकी समस्याएं खत्म होंगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। नौकरीपेशा जातकों को नई नौकरी के अच्छे मौके मिलेंगें।
तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए रामनवमी बहुत ही शुभ साबित होगी। आपको सभी तरह के भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी। जो लोग किसी योजना पर लंबे समय से काम कर रहे हैं उनकी योजनाएं सफल होंगी और रुके हुए काम जल्द पूरे होंगे। संपत्ति की खरीदारी का सपना पूरा हो सकता है. आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।