Ramcharitmanas Chaupai: रामचरितमानस की इन चौपाइयों के पाठ से नौकरी रोजगार की समस्या होगी दूर

रामचरितमानस की रचना (ramcharitmanas kiski rachna hai) करने वाले तुलसीदास जी भगवान राम के अनन्य भक्त थे।
Ramcharitmanas
रामचरितमानस में जीवन की हरेक समस्या के समाधान के लिए चौपाइयां उद्धृत हैं। जो हर परिस्थिति और कालखंड के लिए रामबाण है। 

रामचरितमानस की रचना (ramcharitmanas kiski rachna hai) करने वाले तुलसीदास जी भगवान राम के अनन्य भक्त थे। इनकी भक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन्होंने पूरा एक काव्य ही लिख डाला। प्रभु श्री राम की भक्ति के साथ साथ इस काव्य में जीवन की हरेक समस्या के समाधान के लिए चौपाइयां उद्धृत हैं। जो हर परिस्थिति और कालखंड के लिए रामबाण है। 

नौकरी के लिए रामचरितमानस की चौपाई (ramcharitmanas chaupai for job)

विश्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।

इस चौपाई का अगर 108 बार नियमित पाठ किया जाए तो नौकरी मिलना आसान हो जाता है। इसके साथ जिन्हें नौकरी में किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो वह जल्द ही दूर हो जाता है। इतना ही नहीं जो कारोबारी हैं और इसमें उन्हें किन्ही प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो ये चौपाई उनके लिए भी लाभकारी है।

विपत्ति नाश के लिए (ramcharitmanas chaupai for destroy disaster)

जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।। 

विद्या पाने के लिए (ramcharitmanas chaupai for knowledge) 

गुरु गृह गए पढ़न रघुराई, अल्पकाल विद्या सब पाई। 

सुयोग्य वर के लिए (ramcharitmanas chaupai for marriage)

सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥ 

रोग नाश के लिए (ramcharitmanas chaupai for health)

दैहिक दैविक भौतिक तापा । राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥

संकट से बचने के लिए (ramcharitmanas chaupai avoid trouble)

दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।
अगर ये पंक्ति सुबह के समय नियमित रूप से पढ़ा जाए तो से संकटों को मात कर हम खुशहाल रहेंगे। इस पंक्ति का 108 बार पाठ करने से बड़ा से बड़ा संकट टल जाता है।

भगवान की कृपा पाने के लिए (ramcharitmanas chaupai for god bless) 

कामिहि नारि पिआरि जिमि लोभिहि प्रिय जिमि दाम। तिमि रघुनाथ निरंतर प्रिय लागहु मोहि राम॥

जिस प्रकार कामी पुरुष को स्त्री से प्रेम होता है, जिस तरह तरह से लालची पुरुष को पैसे से प्रेम होता है। वैसे ही हे प्रभु! वैसा ही प्रेम मुझे आपसे हो यानि उसी तरह मैं आपकी सेवा में लगा रहूं। यह भाव इस चौपाई का है। कहते हैं कि रोज सुबह के समय 108 बार इस चौपाई का पाठ (ramcharitmanas path) करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

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